ETV Bharat / international

इजरायल के मंत्री ने गाजा पर परमाणु हमले को बताया 'विकल्प', नेतन्याहू ने सरकारी बैठकों से किया सस्पेंड

author img

By PTI

Published : Nov 5, 2023, 9:56 PM IST

इजरायल हमास पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है. इस बीच इजरायल के एक मंत्री अपने बयान पर घिर गए हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि गाजा पर परमाणु हमला भी एक विकल्प है. इस बयान के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया. मजबूरन मंत्री को सफाई देनी पड़ी, वहीं पीएम ने उन्हें सरकारी बैठकों में शामिल होने से रोक दिया है. Israeli minister statement, Gaza Strip, Prime Minister Benjamin Netanyahu, Amichai Eliyahu statement, talking about nuclear option in gaza.

Prime Minister Benjamin Netanyahu
नेतन्याहू

यरूशलम: धुर दक्षिणपंथी ओत्ज़मा येहुदित पार्टी के एक इजरायली मंत्री ने रविवार को कहा कि हमास शासित गाजा पट्टी पर परमाणु बम गिराना 'एक विकल्प' था, जिसके बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें सरकारी बैठकों से अनिश्चित काल तक निलंबित कर दिया.

एक रेडियो साक्षात्कार में यरुशलम मामलों और विरासत मंत्री अमीचाई एलियाहू ने कहा कि 'गाजा में कोई गैर-लड़ाकू नहीं हैं' और पट्टी को मानवीय सहायता प्रदान करना 'विफलता' होगी. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके विचार में गाजा में कोई गैर-लड़ाके नहीं हैं तो क्या गाजा पट्टी पर परमाणु हमला 'एक विकल्प' है, एलियाहू ने जवाब दिया, 'यह एक तरीका है.'

उठने लगी बर्खास्त करने की मांग: उनकी टिप्पणियों से सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों के सदस्य नाराज हो गए और उन्हें सरकार से बर्खास्त करने की मांग उठने लगी. हालांकि हंगामे के बाद एलियाहू अपने बयान से पीछे हट गए और इसे 'प्रतीकात्मक' टिप्पणी बताया.

ये दी सफाई : उन्होंने कहा, 'यह किसी भी दिमाग वाले व्यक्ति के लिए स्पष्ट है कि परमाणु के बारे में टिप्पणी रूपक थी. हमें वास्तव में आतंक के प्रति एक सशक्त और असंगत प्रतिक्रिया प्रदर्शित करनी चाहिए, जो नाजियों और उनके समर्थकों को स्पष्ट कर देगी कि आतंकवाद सार्थक नहीं है. यह एकमात्र फार्मूला है जिसके साथ लोकतंत्र आतंक से निपट सकता है.'

इसके साथ ही, एलियाहू ने तनाव को कम करने के लिए लिखा, यह स्पष्ट है कि इज़रायल राज्य बंदियों को जीवित और अच्छे स्वास्थ्य में वापस लाने के लिए सब कुछ करने के लिए बाध्य है.

सरकारी बैठकों से निलंबित : इस बीच पीएमओ ने कहा, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एलियाहू को सरकारी बैठकों से अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया. इसमें कहा गया है कि एलियाहू युद्धकालीन निर्णय लेने में शामिल सुरक्षा कैबिनेट का हिस्सा नहीं हैं, न ही उनका इस्लामवादी हमास के खिलाफ युद्ध का निर्देशन करने वाली युद्ध कैबिनेट पर प्रभाव है. नेतन्याहू ने इस टिप्पणी को वास्तविकता से अलग बताया.

पीएम नेतन्याहू ने ये कहा : प्रधानमंत्री ने कहा, 'इज़रायल और आईडीएफ (इज़रायल रक्षा बल) गैर-शामिल लोगों को नुकसान से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के उच्चतम मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं और हम जीत तक ऐसा करना जारी रखेंगे.

विपक्ष साध रहा निशाना : 'एक्स' को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने एलियाहू के बयानों को 'निराधार' कहा. उन्होंने कहा कि यह 'अच्छा है कि ये इज़रायल की सुरक्षा के प्रभारी लोग नहीं हैं.' विपक्षी नेता यायर लैपिड ने एलियाहू की टिप्पणियों को 'एक गैर-जिम्मेदार मंत्री की भयावह और पागलपन भरी टिप्पणी' बताया.

यायर लैपिड ने कहा कि 'उन्होंने (241 गाजा) बंदियों के परिवारों को नाराज किया, इजरायली समाज को नाराज किया और हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया. सरकार में चरमपंथियों की मौजूदगी हमें और युद्ध लक्ष्यों की सफलता को खतरे में डालती है, हमास को हराना और बंधकों को वापस लाना है. नेतन्याहू को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.'

पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़ने के कारण इजरायल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में आ रहा है और इस तरह की टिप्पणियां उसके 'आत्मरक्षा के अधिकार' के लिए समर्थन बनाए रखने के प्रयासों को नुकसान पहुंचाती हैं.

इजरायल ने विश्व स्तर पर समर्थन जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर कूटनीतिक प्रयास शुरू किया है और विदेश मंत्री एली कोहेन ने दुनिया भर में देश के मिशनों को निर्देश दिया है कि वे 7 अक्टूबर को हमास के कायरतापूर्ण कृत्यों से प्राप्त भयानक दृश्यों को सांसदों और सामाजिक प्रभावकों के सामने प्रदर्शित करें. इस बीच सऊदी अरब, जिसके साथ इजरायल अमेरिकी मध्यस्थता के तहत संबंधों को सामान्य बनाने के लिए बातचीत कर रहा है, ने एलियाहू के चरमपंथी सुझाव की निंदा की.

टाइम्स ऑफ इजरायल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, खाड़ी साम्राज्य के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्री की टिप्पणी से पता चलता है कि इजरायली सरकार में चरमपंथ और क्रूरता किस हद तक घुस गई है.

सऊदी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि तथ्य यह है कि एलियाहू को केवल निलंबित किया गया था और तुरंत नहीं निकाला गया था, जो मानवता, नैतिकता, धर्म और कानून के सभी मूल्यों के लिए इजरायली सरकार की उपेक्षा को दर्शाता है.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.