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Libya presidential election : गद्दाफी के बेटे को अदालत से मिली चुनाव लड़ने की मंजूरी

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Published : Dec 3, 2021, 12:52 PM IST

court hammer file photo
कॉन्सेप्ट फोटो

लीबिया की एक अदालत ने देश के शीर्ष चुनावी निकाय के फैसले को पलटते हुए दिवंगत तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी (Libyan dictator Moammar Gadhafi) के बेटे सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी को आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की मंजूरी (Seif al-Islam Gadhafi Libya presidential election) दे दी है. बता दें कि लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव का पहला चरण आगामी 24 दिसंबर को आयोजित होगा.

काहिरा (मिस्र) : लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव (Libya presidential election) को लेकर स्थानीय अदालत ने अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने दिवंगत तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी (Libyan dictator Moammar Gadhafi) के बेटे को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है. लीबिया के मीडिया संगठनों की खबरों के अनुसार, दक्षिण प्रांत सभा की एक अदालत ने गुरुवार को सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी के पक्ष में फैसला दिया. संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में वर्षों के प्रयासों के बाद लीबिया 24 दिसंबर को अपने राष्ट्रपति चुनाव का पहला दौर आयोजित करने जा रहा है.

लीबिया में अभी एक अंतरिम सरकार है जिसका चुनाव फरवरी में संयुक्त राष्ट्र नीत वार्ता के बाद लीबिया प्रतिनिधियों ने किया था.

गौरतलब है कि लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव (Libya presidential election) के लिए कई हाई-प्रोफाइल लोगों ने अपनी उम्मीदवारी के कागजात सौंपे हैं, जिनमें शक्तिशाली सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्टर और देश के अंतरिम प्रधानमंत्री अब्दुल हमीद दबीबा का नाम भी सामने आया है.

बता दें कि अदालत सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी (Seif al-Islam Gadhafi) की अपील पर एक हफ्ते तक सुनवाई नहीं कर सकी थी क्योंकि हथियारबंद लोगों ने न्यायालय की इमारत को घेर लिया था और न्यायाधीशों को इसमें प्रवेश करने से रोक दिया था.

लीबिया की हाई नेशनल इलेक्शंस कमिटी ने पिछले हफ्ते सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी (Libya High National Elections Committee Seif al-Islam Gadhafi) को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करने से जुड़ी दोषसिद्धि का हवाला देते हुए अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भाग लेने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सैफ अल-इस्लाम की उम्मीदवारी को आगे कोई कानूनी चुनौती दी जा सकती है या नहीं. सैफ अल-इस्लाम ने गुरुवार देर रात ट्वीट कर उनके पक्ष में फैसला सुनाकर खुद सुरक्षा का जोखिम मोल लेने वाले न्यायाधीशों का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने 'सच' का साथ दिया. उन्होंने अपने परिवार और समर्थकों का भी आभार जताया.

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गौरतलब है कि 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसके बाद लीबिया में उथल-पुथल मच गई थी. बाद में गद्दाफी मारे गए.

तेल सम्पन्न राष्ट्र तब सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्टर द्वारा समर्थित और त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रशासन में विभाजित हो गया. प्रत्येक पक्ष को विभिन्न मिलीशिया और विदेशी ताकतों का समर्थन मिला.

सैफ अल-इस्लाम को 2015 में राजधानी त्रिपोली की एक अदालत ने उनके पिता से पद छोड़ने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, लीबिया के प्रतिद्वंद्वी प्राधिकारियों ने इस फैसले पर सवाल उठाया था.

सैफ अल-इस्लाम को उनके पिता के विरुद्ध 2011 के विद्रोह से संबंधित मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने भी वांछित करार दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

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