ETV Bharat / city

महाशिवरात्रि: इस मंदिर में रावण ने भोलेनाथ के चरणों में अर्पित किया था 10वां शीष, जानिए क्या है मान्यता

author img

By

Published : Feb 28, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 7:27 PM IST

increased-security-of-dudheshwar-nath-temple-on-mahashivratri-cctv-surveillance-every-step-of-way
increased-security-of-dudheshwar-nath-temple-on-mahashivratri-cctv-surveillance-every-step-of-way

ग़ाज़ियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में शिवरात्रि पर करीब 8 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है. इसको लेकर मंदिर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. मंदिर की निगरानी के लिए कई दर्जन CCTV कैमरे लगाए गए हैं.

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में शिवरात्रि पर करीब 8 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है. इसको लेकर मंदिर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. मंदिर की निगरानी के लिए कई दर्जन CCTV कैमरे लगाए गए हैं.

चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है. पुलिस अधिकारी मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट के बाद मुस्तैदी बढ़ा दी गई है.

तमाम सार्वजनिक स्थलों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में भी इजाफा किया गया है. महाशिवरात्रि के त्यौहार पर दिए गए दिशा-निर्देशों पर संबंधित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी काम कर रहे हैं.

महाशिवरात्रि पर दूधेश्वर नाथ मंदिर की बढ़ाई गई सुरक्षा, चप्पे-चप्पे की CCTV से निगरानी

प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता के चलते यहां पर लाखों भक्तों पहुंचते हैं. मंदिर के महंत ने बताया कि इस बार 5 से 8 लाख भक्तों के मंदिर पहुंचने की उम्मीद है. मंदिर और आसपास 32 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल कर दिए गए हैं. इनकी मॉनिटरिंग मंदिर प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : चोरों ने मंदिर को बनाया निशाना, दानपात्र तोड़कर की हजारों की चोरी, जांच में जुटी पुलिस

मंदिर के आसपास वाहनों की एंट्री रोक दी गई है. कुछ किलो मीटर के दायरे में वाहनों की एंट्री नहीं हो पाएगी. ट्रैफिक डायवर्जन की एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है. मंदिर में सुरक्षा के लिए जवानों की तैनाती कर दी गई है. इसमें स्थानीय पुलिस के अलावा अन्य एजेंसियों की जवानों की भी मदद ली जा रही है. किंवदति है कि प्राचीन काल में यह एक टीला था, जिस पर यहां गाय आकर दूध दिया करती थी. इसीलिए इस मंदिर का नाम दूधेश्वरनाथ मंदिर पड़ गया है.

दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता

प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की मान्यता काफी पुरानी है. प्राचीन काल में यहां रावण के पिता ने भी पूजा-अर्चना की थी. मंदिर को महाशिवरात्रि के मौके पर दुल्हन की तरह सजाया गया है. बताया जा रहा है कि, प्राचीन काल में मंदिर में रावण ने भी पूजा अर्चना की थी. यही नहीं, रावण ने अपना 10वां शीष भगवान भोलेनाथ के चरणों में अर्पित कर दिया था. इस मान्यता को भक्त भी जानते हैं और दूर दूर से यहां आते हैं. प्राचीन काल में मंदिर वाली जगह पर एक टीला होता था.जहां पर गाय स्वयंभू दूध देती थी,वहीं भगवान दूधेश्वर स्थापित हैं.

हर भक्त चाहता है कि महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक सबसे पहले कर लें. मंदिर की सजावट देखते ही बन रही है. इसी खूबसूरत और पावन अवसर पर हर साल भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए देश भर से श्रद्धालु प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में पहुंचते हैं. पूरी रात भक्तों का आना जारी रहता है. रात से ही लंबी कतार बाहर तक लग जाती है. इसके लिए पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद की गई है. बता दें कि दूधेश्वर नाथ मंदिर में जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश समेत भारत के विभिन्न राज्यों से भक्त आते हैं तो वहीं दूसरी तरफ विदेश से भी भक्त दूधेश्वर नाथ मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं ऐसी मान्यता है कि दूधेश्वर नाथ मंदिर में जो भी मन्नत मानी जाती है अवश्य पूरी होती है.

जानकारी देते मंदिर प्रभारी.

हिंदू पंचांग के अनुसार शिवरात्रि का दिन बेहद खास माना जाता है. इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं. शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी पावन रात्रि को भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था. मान्यता ये भी है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का शुभ विवाह संपन्न हुआ था.

दरअसल महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है. शिवपुराण के अनुसार व्रती को प्रात: काल उठकर स्नान ध्यान कर्म से निवृत्त होने पर मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्ष माला धारण कर शिवालय में जाकर शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव को नमस्कार करना चाहिए. उसके बाद उसे श्रद्धापूर्वक व्रत का इस प्रकार संकल्प करना चाहिए.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं. महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए तभी इसका फल मिलता है.

Last Updated :Feb 28, 2022, 7:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.