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निकिता तोमर हत्याकांड में दोषियों को सजा सुनाने से पहले जज का ट्रांसफर, आज तय होनी थी सजा

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Published : Mar 26, 2021, 8:45 AM IST

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निकिता तोमर हत्याकांड

निकिता तोमर हत्याकांड में 5 महीने बाद दोषियों के खिलाफ फैसला देने वाले जज सरताज बांसवाना का फरीदाबाद से रेवाड़ी ट्रांसफर कर दिया गया है. दोषियों को 26 मार्च को सजा सुनाई जानी थी.

नई दिल्ली/फरीदाबाद: हरियाणा बहुचर्चित निकिता हत्याकांड में दोषियों को सजा सुनाने वाले फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज सरताज बांसवाना का फरीदाबाद से रेवाड़ी ट्रांसफर कर दिया गया है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि पॉलिटिकल इंटरफेयर की वजह से ट्रांसफर किया गया है.

बता दें कि इससे पहले निकिता तोमर हत्याकांड के दो आरोपियों तौसीफ और रेहान को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया था, जबकि हत्याकांड में तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को कोर्ट ने बरी कर दिया था. अब से महज 18 घंटे बाद निकिता के दोषियों को सुनाई जाने वाली थी.

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बता दें कि केस की सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई थी और बुधवार को कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया था. जिसके बाद अब दोनों दोषियों को सजा का ऐलान आज किया जाएगा. इस हत्याकांड में पीड़ित पक्ष की ओर से 55 लोगों की गवाही कराई गई थी, जबकि बचाव पक्ष की ओर से महज दो की गवाही हुई.

26 को हत्या, 26 को ही मिलेगी सजा

इसे संयोग ही कहेंगे कि हत्याकांड से ठीक पांच महीने बाद दोनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. 26 अक्टूबर 2020 को निकिता की हत्या की गई थी. जांच पड़ताल और सुनवाई के बाद ठीक पांच महीने यानी 26 मार्च को ही निकिता के दोषियों को सजा सुनाई जाएगी.

ये है पूरा मामला

निकिता तोमर हत्याकांड

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली निकिता तोमर फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही थी. वो अग्रवाल कॉलेज में B.Com फाइनल ईयर की छात्रा थी. 26 अक्टूबर 2020 की शाम करीब पौने 4 बजे जब वो परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर कार में उसे अगवा करने की कोशिश की.

जब निकिता ने विरोध किया तो तौसीफ ने उसको गोली मार दी. जिससे निकिता की मौत हो गई थी. ये वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान करके तौसीफ और रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तीसरे आरोपी अजरुद्दीन ने तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराया था.

पहले भी की थी अपहण की कोशिश

नूंह के रोजका मेव निवासी तौसीफ 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था. वो निकिता पर दोस्ती का दबाव डालता था. तौसीफ ने 2018 में भी निकिता का अपहरण किया था. जिसके बाद निकिता के परिजनों ने FIR दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन उसके परिवार वाले हाथ-पैर जोड़ने लगे, तो निकिता के परिवार ने मामला वापस लेते हुए समझौता कर लिया. इसके बाद भी तौसीफ निकिता पर शादी का दबाव बना रहा था. इसीलिए उसने निकिता का दोबारा अपहरण करने की कोशिश की, लेकिन इस बार निकिता की जान चली गई.

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में शुरू हुई. एक दिसंबर को पहली गवाही कराई गई. जिसमें घटना के चश्मदीद निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर और सहेली निकिता शर्मा शामिल हुए. बचाव पक्ष की ओर से 55 लोगों ने गवाही दी. जिसमें परिवार के सदस्यों, कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हुए. बचाव पक्ष ने दो दिन में अपने गवाह पेश किए और गवाहों के बयान दर्ज कराए. मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से गवाही पूरी हो गई.

11 दिन में तैयार की 700 पेज की चार्जशीट

मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इसकी जांच एसआईटी को सौंपी थी. एसआईटी टीम ने पांच घंटे के अंदर मुख्य आरोपी तौसीफ को सोहना से गिरफ्तार कर लिया था. उसके साथी रेहान और हथियार उपलब्ध कराने वाले अजरुद्दीन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया. तमाम सबूतों को इकट्ठा कर पुलिस ने महज 11 दिन में ही 700 पेज की चार्जशीट तैयार की. पुलिस ने चार्जशीट को 6 नवंबर को कोर्ट में दाखिल किया. चार्जशीट में निकिता की सहेली समेत कुल 60 गवाह बनाए गए थे.

दोषियों को मिले फांसी की सजा- निकिता के पिता

निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने ईटीवी भारत से कहा कि उनके परिवार को शांति तभी मिलेगी जब हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी. उनका कहना है कि 5 माह का वक्त निकिता को न्याय दिलाने में गुजर गया. निकिता के पिता ने कहा कि हम कोर्ट से यही अपील करते हैं कि निकिता के दोषियों को फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी जाने को तैयार हैं.

हत्याकांड के बाद उठा था लव जिहाद का मुद्दा

इस मामले को लेकर देश में बड़ा बवाल मचा था और फरीदाबाद में बकायदा महापंचायत भी की गई. जिसमें ये तय हुआ कि ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा सरकार को लव जिहाद कानून बनाना चाहिए. इसके अलावा निकिता के परिवार की ओर से भी लगातार लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग की जा रही थी. जिसके बाद अब सीएम मनोहर लाल ने जल्द लव जिहाद पर कानून बनने के संकेत दिए हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार इस बिल को बजट सत्र में ही विधानसभा के पटल पर रखना चाहती थी, लेकिन कुछ लीगल कारणों से ये कानून बजट सत्र में नहीं आ सका था. मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम अध्यादेश के जरिए भी कानून ला सकते हैं. इस बिल पर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसलिए अब इसे जल्द ही लाया जा सकता है.

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रसूखदार परिवार से संबंध रखता है तौसीफ

मुख्य आरोपी तौसीफ राजनीतिक रसूखदार परिवार से संबंध रखता है. तौसीफ के दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं. तौसीफ का चचेरा भाई आफताब अहमद नूंह विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं. आफताब अहमद के पिता खुर्शीद अहमद, हरियाणा के पूर्व मंत्री रह चुके हैं.

तौसीफ के सगे चाचा जावेद अहमद इस बार सोहना विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए. 21 वर्षीय तौसीफ फिजियोथेरेपिस्ट का कोर्स कर रहा है. वारदात में शामिल रेहान निवासी रेवासन जिला नूंह का रहने वाला है और वो तौसीफ का दोस्त है.

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