नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने आज पदभार ग्रहण कर लिया है. इस मौके पर प्रोफेसर योगेश सिंह ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए ईटीवी भारत से की बातचीत. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हम सब छात्र- शिक्षक मिलकर काम करेंगे, जिससे विश्वविद्यालय प्रगति की दिशा में आगे बढ़ेगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि नियुक्ति की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए. सौ फीसदी कट ऑफ को लेकर चल रहे हंगामे और प्रोफेसर के द्वारा दिए गए केरल छात्रों के बयान को लेकर प्रोफेसर कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए.
डीयू के नए कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि डीयू का कुलपति बनना किसी के लिए भी गर्व और सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि इतने अच्छे विश्वविद्यालय में काम करने का मौका मिला है. इसे और बेहतर कैसे बनाने की दिशा में काम किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अभी तक विश्वविद्यालय के लिए किसी भी प्रकार की कोई योजना नहीं बनाई. विश्वविद्यालय अपने आप में अन्य विश्वविद्यालयों से भिन्न है सभी से बात कर योजना बनाई जाएगी और उस पर काम किया जाएगा. अभी भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.
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100वें वर्ष में प्रवेश कर चुके दिल्ली विश्वविद्यालय की योजनाओं को लेकर जब प्रोफेसर योगेश सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय का स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण योगदान है. डीयू से पढ़कर छात्र जहां भी गए हैं वह बेहतर कर रहे हैं. डीयू उसके लिए उनका ऋणी भी है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालय और बेहतर किस तरीके से विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा. इसको लेकर योजना बनाएंगे, जिसमें हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है.
कोविड-19 तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर उन्होंने कहा कि संसाधनों को बेहतर और मजबूत बनाने की जरूरत है. छात्रों के लिए कैंपस खोलने को लेकर उन्होंने कहा कि हमें सोच विचार कर फैसला लेना होगा, क्योंकि जल्दबाजी में लिया हुआ कोई भी फैसला छात्रों को मुसीबत में डाल सकता है. छात्रों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. साथ ही कहा कि बच्चों के बिना विश्वविद्यालय अधूरा है.