नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों की संसद में तमाम विपक्षी दल पहुंचे और केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रकट की. किसान आंदोलन को विपक्षी दलों की ओर से मिले समर्थन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
किसानों का नेतृत्व कर रहे Yogendra Yadav ने कहा कि किसान संसद के दौरान संसदीय लोकतंत्र की एक बेहद ही सुंदर परिभाषा देखने को मिली, जहां पर सभी किसानों को विपक्षी दलों ने आराम से बैठकर सुना. आमतौर पर भारतीय संसद में ये देखने को नहीं मिलता है, वहां अधिकतम समय शोर-शराबा, एक पक्ष की ओर से अपनी आवाज रखने के लिए जद्दोजहद देखने को मिलती है. लेकिन KISAN SANSAD में एक मर्यादा है, जिसका हर कोई पालन कर रहा है. किसान संसद में विपक्षी दल किसानों को सुनने के लिए आए थे तो उन्होंने आराम से बैठ कर किसानों की बातों को सुना.
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उन्होंने कहा कि KISAN SANSAD में विपक्षी दलों के पहुंचने पर किसानों की ओर से विपक्षी दलों को मंच नहीं दिया गया. जिस पर जवाब देते हुए योगेंद्र यादव ने कहा. किसान संसद है जहां पर किसानों द्वारा अपनी बातें रखी जा रही है और विपक्षी दल किसान संसद में किसानों की बातें सुनने के लिए आए थे. जो लोग यहां पर आए थे, उन्हें पहले से पता था कि किसान संसद में कोई मंच नहीं दिया जाएगा. यही किसान संसद की मर्यादा है जिसका पालन करते हुए ही हो किसान संसद में शामिल हुए थे.
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इसके साथ ही योगेंद्र यादव ने 15 अगस्त को लेकर ऐलान किया कि सभी किसान स्वतंत्रता दिवस को 'किसान मजदूर आजादी संघर्ष दिवस' के रूप में मनाएंगे. इस दिन सभी किसान तिरंगा झंडा लेकर अपने-अपने जिले, तहसील इलाकों में मोर्चे के साथ निकलेंगे. जिससे कि पूरा देश तिरंगे की ताकत को देखेगा और किसानों की एकजुटता भी देखने को मिलेगी.