नई दिल्ली: बीते दिनों दिल्ली ओर आसपास के इलाकों में हुई बारिश के बाद दिल्ली स्थित यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा गया. जिस वजह से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. वजीराबाद इलाके में स्थित प्राचीन रामघाट पर जहां हर समय गंदगी का अंबार लगा रहता था आज वहां कई फीट तक पानी भरा हुआ है.
वजीराबाद स्थित राम घाट पर धार्मिक क्रियाकलाप और कर्मकांड करने वाले पंडितों ने बताया कि वह यहां पर कई सालों से रह रहे हैं और अक्सर यमुना में गंदगी का अंबार लगा रहता है. बीते दिनों हुई बारिश के बाद यमुना क्षेत्र में कई फीट तक पानी जमा हो गया. अभी भी कई दिनों बाद भी यहां से पानी उतरने का आसार नहीं दिख रहा है. पहले यहां पर लोग पूजा पाठ व कर्मकांड करवाने के लिए आते थे, जिससे हमारा रोजगार चल रहा था लेकिन अब यमुना किनारे गंदगी बढ़ने की वजह से हम पंडितों के रोजगार पर भी असर पड़ा है.
वहीं, राम घाट पर प्रसाद बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाली महिला ने कहा कि घाट पर रहने वाले करीब ढाई सौ लोगो के परिवार की आजिविका यहां से जुड़ी हुई हैं. प्रसाद व फूल माला बेचकर हम किसी तरह अपनी आजीविका चलाने को मजबूर हैं. हालांकि गंदगी की वजह से अब यहां पर कोई आना पसंद नहीं करता और जब बाढ़ आती है तो उससे हमारे रोजगार पर भी प्रभाव पड़ता है.
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करीब 40 सालों से यमुना घाट पर रहने वाले अशोक ने बताया कि उनका बचपन यहीं पर बिता है. उन्होंने बताया कि अभी नवरात्रि चल रहा है, भक्त लोग पूजा करने के लिए आते हैं. श्राद्ध के समय भी लोग आते थे, लेकिन गंदगी की वजह से अब श्रद्धालुओं का आना कम हो गया है. जरूरत है कि सरकार यमुना के सफाई पर ध्यान दें ताकि घाट से जुड़े हम जैसे लोगों की आजीविका ठीक तरह से चलती रहे.
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