नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना किनारे खेती करने वाले किसान एक बार फिर परेशान हैं. बीते 4 दिनों में हुई बारिश के बाद यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे यमुना का जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसल पानी में डूब गई.
किसानों का कहना है कि जानकारी नहीं थी कि दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ आएगी. बीते 3 महीनो में यह तीसरी बार है जब फसल को नुकसान हुआ है. यमुना किनारे खेती करने वाले हजारों किसान पूरी तरह से बर्बाद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं.
किसानों का कहना है कि उन्होंने लोगों से पैसा ब्याज पर लेकर सब्जी की फसल उगाई थी. सब्जी में कम पानी की जरूरत होती है, लेकिन लगातार पानी आने से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. अब किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार किसानों को हुए नुकसान के एवज में कुछ मरहम जरूर लगाएगी.
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यमुना किनारे खेती कर रहे किसानों ने बताया कि हमने मक्का, मेथी और गोभी की फसल लगा रखी थी, जो पूरे तरीके से नष्ट हो चुकी है. हमने खेती के लिए ब्याज पर पैसा लेकर खेती की थी. अब उस पैसे को चुकाना मुश्किल है. हमें सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिलती. यह पैसा चुकाने के लिए हमे 3 साल लाग जाएंगे, क्योंकि हम जमीन को किराए पर लेकर खेती करते हैं और सरकारी मदद जमीन के मालिकों को मिलती है.
यमुना किनारे लोगों की मदद कर रहे सिविल डिफेंस कर्मी के वार्डन ने बताया कि हम यहां लोगों की मदद करने के लिए हैं. यहां पर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट है. इलाके के SDM भी यहां अपना दौरा करके गए हैं, हमारे सिविल डिफेंसकर्मी कई लोग यहा ड्यूटी दे रहे हैं. पानी का बहाव ज्यादा है, जो लोग यहां आ रहे हैं हम उन्हें रोक रहे हैं. अभी तक किसी के डूबने का कोई मामला सामने नहीं आया है.
यमुना में बाढ़ आने के बाद किसान एक बार फिर अपना सामान देखकर ऊपरी इलाकों में पहुंच चुके हैं. सिविल डिफेंस कर्मी भी किसानों को खेतों में जाने से रोक रहे हैं. एसडीएम भी दौरा कर लगातार लोगों को समझा रहे हैं, लेकिन अब किसान परेशान हैं कि उनके हुए नुकसान का मुआवजा उन्हें कब मिलेगा.
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