नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ वारंट जारी (Warrant issued against rujira banerjee) किया है. कोर्ट ने रुजिरा बनर्जी को 20 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया.
शनिवार को सुनवाई के दौरान रुजिरा बनर्जी कोर्ट में पेश नहीं हुईं, जिसके बाद चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने जमानती वारंट जारी किया. रुजिरा बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. रुजिरा ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने 11 मार्च को खारिज कर दिया था. 11 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट ने रुजिरा बनर्जी को ट्रायल कोर्ट में अपने वकील के जरिए अपनी बात रखने की छूट दे दी थी. अभिषेक बनर्जी और रुजिरा बनर्जी ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
ईडी ने कहा है कि रुजिरा बनर्जी कोयला घोटाला मामले (Rujira banerjee coal scam case) में पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रही हैं. ईडी की ओर से जारी समन के खिलाफ अभिषेक बनर्जी और रुजिरा बनर्जी की याचिका का ईडी ने विरोध करते हुए कहा है कि जांच के बीच में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हाईकोर्ट में ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी की ओर से जो सवाल उठाये गये हैं, उसपर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार कर रही है कि अपराध प्रक्रिया संहिता के अध्याय 12 का मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जांच में पालन होना चाहिए कि नहीं
अभिषेक बनर्जी की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा था कि वे जांच करने के ईडी की शक्तियों को चुनौती नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा था कि ईडी को आरोपी से वहीं पूछताछ करनी चाहिए, जहां आरोपी के पुलिस थाने का क्षेत्राधिकार है. उन्होंने मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 65 के संदर्भ में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 160 की व्याख्या करने की मांग की. उन्होंने कहा था कि ईडी ने आरोपी को दिल्ली किस आधार पर बुलाया. अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 160 क्यों नहीं लागू होगी.