नई दिल्ली : दो साल बाद जब रामलीला आयोजन की अनुमति मिली तो रावण के पुतले बनाने वाले के चेहरे खिल गए, लेकिन पहले पटाखों पर रोक (ban on firecrackers) ने इनके जोश को फीका कर दिया और रही सही कसर बेमौसम बारिश ने पूरी कर दी है, कारोबारी बेहद परेशान हैं.
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पटाखे पर रोक और फिर बारिश से रावण का बाजार बेरंग :राजधानी में त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और आने वाले कुछ ही दिनों बाद नवरात्रि के समापन पर दशहरे का आयोजन होगा. इस दिन रावण दहन भी धूमधाम से किया जाता है. इसी की तैयारी में एशिया के सबसे बड़े रावण के पुतलों का बाजार तितारपुर में रावण कारोबारी मौसम के बदले मिजाज से परेशान हैं. दरअसल इन दिनों रावण के पुतले पर कागज चढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है. ऐसे में बरसात के कारण न सिर्फ उनके कामों में बाधा पहुंची है बल्कि उनके काम का नुकसान भी हुआ है. रावण के पुतलों के कारोबारी का कहना है कि कई पुतलों पर कागज चिपका दिया था लेकिन बारिश के कारण उन पुतलों पर दोबारा कागज चिपकाना पड़ेगा.
कोरोना के बाद इस बार बेहतर काम की थी उम्मीद : इनका कहना है कि कोरोना के बाद इसबार बेहतर काम की उम्मीद जगी थी. वह पहले पटाखे पर रोक के कारण आधी रह गई क्योंकि बिना पटाखे के रावण कैसे जलेगा और ऊपर से बारिश की मार, इनका कहना है पिछले 3 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से काम पूरी तरह से रुक गया है, क्योंकि बारिश में पुतलों का कोई काम संभव नहीं है. ऐसे में बस समय बीत रहा है, हालांकि कुछ रावण कारोबारी कुछ पुतलों को किसी शेड के नीचे रख पाए हैं. थोड़ा बहुत काम उसी का हो रहा है.
आनेवाले दिनों में भी बारिश :इनलोगों की परेशानी इसबात से और बढ़ गई है कि मौसम विभाग ने आनेवाले दिनों में भी बारिश की संभावना जताई है. ऐसे में उन्हें डर है कि काम जो इसबार थोड़ा शुरू हो पाया है उसमें देरी से नुकसान न हो जाए.
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