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मुंडका अग्निकांड में ढाई से तीन सौ लोगों के मरने की आशंका, बोरियों में भरकर लाशें गायब करने का आरोप

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Published : May 18, 2022, 8:31 PM IST

Two and a half to three hundred people feared dead in Mundka fire accused of missing dead bodies by filling in sacks
Two and a half to three hundred people feared dead in Mundka fire accused of missing dead bodies by filling in sacks

मुंडका अग्निकांड की मृतक निशा के परिजन का आरोप है कि फैक्ट्री के गोदाम में ढाई-तीन सौ लोग काम करते थे. उस दिन भी करीब इतने ही लोग वहां मौजूद थे. आरोप है कि हर रोज बोरियों में भरकर लाशें गायब की जा रही हैं. उनका दावा है कि बीते दिन भी बोरियों में भरकर लाशें गायब की गईं.

नई दिल्ली : मुंडका अग्निकांड को लेकर आम आदमी पार्टी और MCD की सत्ता पर काबिज भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इसी बीच इस हादसे में करीब ढाई-तीन सौ लोगों के मरने की आशंका जतायी जा रही है. जिनमें से महज 58 लोगों को ही जिंदा बचाया जा सका है. मुंडका अग्निकांड में अब तक 27 लोगों के शव बरामद हुए हैं. इन मृतकों में 21 महिलाएं तो 6 पुरुष शामिल रहे. दिल्ली पुलिस के बयान के मुताबिक इन 27 लोगों के शव में 8 शवों को उनके परिजनों ने पहचान कर ली है. जिन्हें पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. जबकि बाकी 19 शवों के लिए परिवार आज भी अस्पताल में बैठा इंतजार कर रहे हैं. अब बोरियों में भरकर लाशें गायब करने की बात भी सामने आ रही है.

लाश गायब होने की आशंका के साथ ही लाश का इंतजार करते इन्हीं तमाम लोगों में से एक निशा का परिवार भी है जो अस्पताल की मोर्चरी के बाहर बैठा है. और गोद में निशा की दो महीने की दुधमूंही बच्ची भी है. जिसे हर पल मां की ममतामयी छांव की दरकार और इंतजार है. इस बदनसीब के हिस्से मां की लाश देखना भी मयस्सर नहीं है. क्योंकि इसकी मां इस अग्निकांड की ऐसी भेंट चढ़ी कि आज तक उसकी लाश भी नहीं मिल सकी है.

मुंडका अग्निकांड में ढाई से तीन सौ लोगों के मरने की आशंका, बोरियों में भरकर लाशें गायब करने का आरोप

मृतक निशा के परिजन का आरोप है कि फैक्ट्री के गोदाम में ढाई-तीन सौ लोग काम करते थे. उस दिन भी करीब इतने ही लोग वहां मौजूद थे. जिनमें से सिर्फ 27 लोगों के मरने की बात कही जा रही है. और महज 58 लोग जिंदा बचे. तो सवाल ये है कि बाकी लाशें कहां चली गईं. उनका आरोप है कि हर रोज बोरियों में भरकर लाशें गायब की जा रही हैं. उनका दावा है कि बीते दिन भी बोरियों में भरकर लाशें गायब की गईं. ऐसे में सवाल ये है कि इस दुधमूंही बच्ची को और इनके इन परिजनों को निशा की लाश भी क्या नसीब नहीं होगी.

मुंडका अग्निकांड में ढाई से तीन सौ लोगों के मरने की आशंका, बोरियों में भरकर लाशें गायब करने का आरोप
मुंडका अग्निकांड में ढाई से तीन सौ लोगों के मरने की आशंका, बोरियों में भरकर लाशें गायब करने का आरोप

मृतक निशा कुमारी के परिजन का दावा है कि हादसे के समय वहां फंसे लोगों के बीच निशा भी थी. जिसका वीडियो उनके पास है, लेकिन हादसे के दौरान उसे जिंदा न तो जिंदा निकाला गया और न ही हादसे के बाद अब तक उसकी लाश ही मिली है. ऐसे में आशंका ये है कि कहीं उसकी लाश भी बोरियों में भरकर गायब तो नहीं कर दी गई.

भाग्य विहार में रहने वाली निशा के परिवार में दो माह की बेटी है. फिलहाल वह अपने पिता की गोद में है. अस्पताल में मौजूद निशा की मां मीरा देवी ने बताया कि उनकी बेटी दो साल से इस कम्पनी में काम कर रही थी. हादसे के दिन उनकी बेटी भी काम करने गोदाम में गई हुई थी. उन्हें घटना की जानकारी पड़ोसियों ने दी, लेकिन बेटी तभी से लापता है.

मुंडका अग्निकांड में ढाई से तीन सौ लोगों के मरने की आशंका, बोरियों में भरकर लाशें गायब करने का आरोप
मुंडका अग्निकांड में ढाई से तीन सौ लोगों के मरने की आशंका, बोरियों में भरकर लाशें गायब करने का आरोप

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मीरा गोद में अपनी नातिन को लेकर संजय गांधी अस्पताल के शव गृह में निशा की लाश तलाश रही हैं. मीरा के देवर शव गृह में निशा की तलाश में गए, लेकिन वापस लौटने पर उन्होंने बताया कि लाशें इस कदर जल गई हैं कि पहचान करना भी मुश्किल है. परिजनों ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम है कि कैसे डीएनए जांच के लिए नमूना देना है. और किसको देना है.

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