नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके से जिला प्रशासन और दिल्ली पुलिस ने बचपन बचाओ टीम से मिली जानकारी के बाद बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान 20 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया, जिनसे कपड़ों की फैक्ट्रियों में बाल मजदूरी कराई जा रही थी.
बचपन बचाओ के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि खजूरी खास इलाके में यूपी बिहार से लाए गए, बच्चों से दिन-रात फैक्ट्रियों में मजदूरी कराई जा रही है और इन बच्चों को वेतन तक नहीं दिया जा रहा है. यह सभी बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं. इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद इलाके में छापेमारी कर बच्चों को रेस्क्यू किया गया.
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बचपन बचाओ के डायरेक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि इस दौरान सीलमपुर के एसडीएम शरद कुमार भी मौजूद रहे, जिसके बाद फैक्ट्रियों में काम कर रहे बच्चों को रेस्क्यू किया गया और इलाके में अवैध रूप से चल रही कपड़ों की फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इलाके में 7 यूनिट को सील किया गया है, जिसमें कपड़े और जैकेट बनाई जाती थी. छोटी छोटी गलियों में यह फैक्ट्रियां चलाई जा रही थी, जहां पर 14 से 16 साल के बीच के नाबालिग बच्चों से बाल मजदूरी कराई जा रही थी.
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिन 20 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, उनमें से सभी नाबालिग हैं. इनमें दो लड़कियां हैं और बाकी सभी लड़के हैं. बच्चों से बातचीत में पता लगा कि उन्हें दिल्ली घुमाने और दिल्ली में अच्छा काम दिलाने के बहाने लाया गया था, लेकिन पिछले कई महीनों से बच्चों से काम करवाया जा रहा था. इसके लिए उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जा रहा था. साथ ही बच्चों के घरवालों से भी उनकी बात नहीं कराई जा रही थी.