नई दिल्ली: राजधानी के कंझावला थाना इलाके के कराला में बाइक सवार बदमाशों ने सरेआम युवक की गोली मारकर हत्या कर दी. इस वारदात को अंजाम देकर बाइक सवार बदमाश मौके से फरार हो गए. जानकारी के अनुसार मृतक युवक का नाम नितेश है, जो कि कराला इलाके का ही रहने वाला है.
बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे नितेश अपने घर से बाइक पर निकला था कि तभी वहां उसके घर से कुछ दूरी पर बाइक सवार कुछ हमलावरों ने उस पर ताबड़तोड़ कई राउंड फायरिंग कर दी. आनन-फानन में घायल नितेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस सूत्रों की मानें तो इस हत्याकांड के पीछे आपसी रंजिश और गैंगवार की भी आशंका है. साथ ही बताया जा रहा है कि नितेश को हमलावरों ने एक-दो नहीं, बल्कि करीब 18 गोलियां मारी हैं. वहीं, मृतक के परिजनों का आरोप है कि वारदात के काफी देर बाद तक नितेश घायल अवस्था में पुलिस के सामने ही मौके पर पड़ा रहा और पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करने तक की जहमत तक नहीं उठाई. इस दौरान फोन पर सूचना के बाद मौके पर पहुंचे मृतक के भाई ने उसे अस्पताल पहुंचाया.
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये हत्याकांड दिल्ली के कुख्यात टिल्लू और गोगी गैंग के बीच की गैंगवार से भी जुड़ा हो सकता है. हालांकि अभी इस हत्याकांड को लेकर पुलिस की तरफ गैंगवार की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इस एंगल से भी पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. वहीं, इस वारदात के बाद इलाके में डर और दशहत का माहौल है.
मृतक के भाई ने बताया कि करीब डेढ़-दो साल पहले कंझावला थाना इलाके में एक गैंगस्टर की हत्या की गई थी, जिसके आरोप में मृतक का बड़ा भाई करीब डेढ़ साल से जेल में सजा काट रहा है. आपसी रंजिश के चलते उसके बड़े भाई की भी हत्या का प्रयास किया गया था लगातार आपसी रंजिश चलते मृतक का परिवार अपने साथ भी किसी तरह की अनहोनी की भी आशंका जता रहा है. साथ ही इस वारदात के लिए कानून और पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहा है. मृतक के परिजनों का कहना है कि उनकी कई फैक्ट्रियां हैं और उनसे जबरन पैसे की मांग भी की जाती है.
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पुलिस ने मृतक के शव को दिल्ली के मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रखवा दिया है. साथ ही पुलिस आपसी रंजिश और गैंगवार के एंगल से भी मामले की तफ्तीश में जुट गई है. पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है, जिससे हत्यारों का कोई सुराग मिल सके. लेकिन, इस हत्याकांड ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि राजधानी दिल्ली में अपराधियों को अब ना तो कानून का कोई डर है और ना ही पुलिस का खौफ कोई है.