नई दिल्ली: दिल्ली के सदर बाजार में इन दिनों दीवाली का सीजन चल रहा है. बाजार में भीड़ भी देखने को मिल रही है, पर पटाखों पर बैन की वजह से पटाखा व्यापारियों में गम का माहौल है.
व्यापारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार चाहे तो पटाखों पर (ban on firecrackers) से बैन हटा सकती है लेकिन सरकार हटाना नहीं चाहती है. दिल्ली में प्रदुषण की समस्या सिर्फ पटाखों की वजह से नहीं है और खासकर दिवाली की एक रात पटाखे जलाने से दिल्ली में प्रदुषण का स्तर इतना नहीं बढ़ जाता है. पटाखों के बैन की वजह से दिल्ली सरकार को लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है. अगर दिल्ली में पटाखों की बिक्री होती तो सरकार को GST, टैक्स भी मिलता जो कि सरकार को विकास कार्य में काम आता और दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सुधार भी होता.
बच्चों को भी पटाखों की जरूरत होती है तो उनके परिवार वाले दिल्ली से बाहर जाकर पटाखे खरीद कर लाते हैं. बैन के बावजूद भी हर साल दिवाली के दिन खूब आतिशबाजी होती है. पटाखों पर बैन है तो फिर भी इतने सारे पटाखों से आतिशबाजी कैसे की जा रही है. जाहिर सी बात है कि दिल्ली से बाहर जाकर परिवार वाले पटाखे लेकर आते हैं और इस वजह से दिल्ली का सारा टैक्स पड़ोसी राज्यों को चला जाता है. इस बारे में दिल्ली सरकार को सोचना चाहिए.
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सदर बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था पर बात करते हुए व्यापारियों ने कहा कि बाजार में भीड़ की समस्या बहुत ज्यादा है. सरकार हम लोगों से एक बार बात करके इस समस्या का हल निकाल सकती है लेकिन दिल्ली सरकार बात नहीं करना चाहती है. हम लोगों ने दिल्ली पुलिस से भी मीटिंग कर इस समस्या का जिक्र किया, पर दिल्ली पुलिस में स्टाफ कम होने की वजह से हम सभी व्यापारियों ने खुद मिलकर मार्केट की सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए गार्ड रखा है.
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