नई दिल्ली: प्रथम पुज्य भगवान श्री गणेश जी की पूजा बुधवार के दिन की जाती है. पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती की कृपा से जब गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी तब उस समय कैलाश पर बुध देव उपस्थित थे. बुध देव की उपस्थिति के कारण ही बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कोई भी काम शुरू करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर होता है उन्हें बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति अशुभ से शुभ हो जाती है. बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और घर में समृद्धि आती है. यदि आपका कमाया हुआ धन व्यर्थ हो रहा है तो बुधवार का व्रत करने से उसपर रोक लगती है.
ज्योतिषियों के मुताबिक बुधवार का व्रत कृष्ण पक्ष के बजाए शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू करना चाहिए. यह व्रत कम से कम 21 और अधिक से अधिक 41 बुधवार तक करने का विधान है.
बुधवार को सुबह स्नान-ध्यान से निवृत होकर सबसे पहले तांबे के पात्र में भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. पूजा के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठें. उसके बाद आसन पर बैठकर गणेश जी की फूल, धूप, दीप, कर्पूर और चंदन से पूजा-अर्चना करें. भगवान श्री गणेश को दूब यानि दूर्वा जरूर अर्पित करें क्योंकि गणेश जी को दूर्वा बेहद पसंद है. इसके उन्हें मोदक अर्पित करें और गणेश जी का ध्यान करते हुए 108 बार 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप करें. उसके बाद बुधवार व्रत की कथा पढ़कर आरती जरूर करें. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. बुधवार के दिन श्री गणेश चालीसा का पाठ आरती अवश्य करें.
बुधवार के दिन गणेश जी को घी और गुड़ का भोग लगाकर गाय को खिलाएं. व्रत में नमक खाने से परहेज करें. बुधवार को घर में हरी मूंग की दाल बनाएं. मूंग की दाल की पंजीरी या हलवा बुध देवता को भोग लगाएं, पहले भोग को बांटे फिर स्वयं प्रसाद ग्रहण करें. मान्यता है कि बुधवार को हरे रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है. बुधवार का व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है. इस व्रत को करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.
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