नई दिल्ली : दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति में सुधार हो रहा है. इसको लेकर सरकार ने आज से चरणबद्ध तरीके से 9वीं से 12वीं और 8 सितंबर से आठवीं से छठी क्लास के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी है. स्कूल खोलने को लेकर स्कूलों में किस तरीके की तैयारी है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने बिरला विद्या निकेतन स्कूल की प्रिंसिपल मीनाक्षी कुशवाहा से बात की. उन्होंने बताया कि एक तिहाई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दी है. साथ ही कहा कि कई अभिभावक ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं होने और बच्चों के लिए वैक्सीनशन का इंतजाम नहीं होने को लेकर चिंतित हैं.
बिरला विद्या निकेतन स्कूल की प्रिंसिपल मीनाक्षी कुशवाहा ने बताया कि एक तिहाई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति दी है. उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के संबंध में लगातार अभिभावकों से बात की जा रही है. स्कूल आने से पहले पूरी तरीके से सैनिटाइज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि जब बच्चे स्कूल में प्रवेश करेंगे तो सबसे पहले थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइज करने के बाद ही छात्रों को स्कूल के अंदर प्रवेश दिया जाएगा.
मीनाक्षी कुशवाहा ने बताया कि छात्रों की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरफ से क्लास आयोजित की जाएगी, जिससे किसी भी छात्र की क्लास बाधित न हो. उन्होंने बताया कि सीमित छात्रों को ही क्लास में बैठने की अनुमति दी गई है. किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी का पालन किया जा सके इसको लेकर भी मॉनिटरिंग लगातार की जाएगी. सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्कूल में एक क्वारंटाइन रूम भी बनाया गया है.
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स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि छात्रों के प्रवेश और निकास के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि तीन पीरियड के बाद लंच का समय निर्धारित किया गया है. बच्चों को घर से पानी की बोतल, सैनिटाइजर आदि लाने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने कहा कि बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी भी पढ़ाई के साथ चलती रहे इसके लिए गेम्स पीरियड टाइम टेबल में रखा गया है.
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बिरला विद्या निकेतन स्कूल की प्रिंसिपल मीनाक्षी कुशवाहा ने कहा कि ज्यादातर अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. कई अभिभावकों को चिंता सता रही है कि अगर सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ देंगे तो दोपहर के समय बच्चा घर किस तरीके से जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों के लिए एक वैक्सीनशन का इंतजाम नहीं होने को लेकर भी चिंतित है. इसी की वजह से कई अभिभावक अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में छात्रों के अर्धवार्षिक परीक्षा होने वाली है. वहीं कई बच्चे परीक्षा ऑनलाइन कराने के पक्ष में भी है.