नई दिल्ली: जेएनयू के छात्र नेता रहे उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगा मामले में आरोपी बनाया है. बेहद सख्त माने जाने वाले कानून यूएपीए के तहत 13 सितम्बर को दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को गिरफ्तार किया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की मंजूरी चाहिए थी. इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही मंजूरी दे चुका है.
'यूएपीए के तहत चलेगा केस'
अब दिल्ली सरकार ने भी इस मामले में केस चलाने की मंजूरी दे दी है. बीते दिन दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को उमर खालिद के खिलाफ यूएपीए यानी अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट के तहत केस चलाने को हरी झंडी दे दी. इस मामले में जब दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि यह दंगों के मामले में रूटीन वाली बात है.
'प्रॉसिक्यूशन मामलों को मिलती है मंजूरी'
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने केस चलाने को मंजूरी दी है और यह दंगों के केस में यह रूटीन वाली बात है. उनका यह भी कहना था कि प्रॉसिक्यूशन में जितने मामले आते हैं, उन्हें मंजूरी मिलती है. क्या उमर खालिद के अलावा किसी और के खिलाफ भी केस चलाने की मंजूरी दी गई है, इस सवाल पर सत्येंद्र जैन का कहना था कि इसमें बहुत सारे लोग होंगे. ये रूटीन है और बहुत सारी फाइल्स एक साथ गईं होंगीं.
'उठ रहे थे सवाल'
दिल्ली सरकार की तरफ से उमर खालिद के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मिलने के बाद अब दिल्ली पुलिस खालिद का नाम अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शामिल कर सकती है. गौरतलब है कि इस मामले को लेकर भाजपा सवाल उठाती रही है कि दिल्ली सरकार उमर के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी क्यों नहीं दे रही. ऐसे ही सवाल कन्हैया कुमार मामले को लेकर भी उठे थे. उसके बाद इसी साल फरवरी में दिल्ली सरकार ने जेएनयू नारेबाजी मामले में कन्हैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी थी.