Money Laundering Case : सत्येंद्र जैन ने वापस ली अंतरिम जमानत याचिका, जानिये क्या थी वजह

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Published : Aug 6, 2022, 6:25 PM IST

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दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) से अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली है. सत्येंद्र जैन शनिवार को ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं.

नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के आरोपी और दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) से अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने अंतरिम याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी. शनिवार को ये मामला कोर्ट में पहले से लिस्ट नहीं था. लेकिन सत्येंद्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा कि सत्येंद्र जैन शनिवार को ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं, इसलिए वे अंतरिम जमानत याचिका वापस लेना चाहते हैं. उसके बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति दी.

सत्येंद्र जैन ने कोर्ट से स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की थी. जैन 15 जुलाई से लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती थे. जैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा था कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल दिल्ली सरकार का अस्पताल है और वहां सत्येंद्र जैन के मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी की जा सकती है. ईडी का कहना था कि सत्येंद्र जैन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री हैं और ऐसे में उनकी मेडिकल रिपोर्ट में गड़बड़ी की आशंका है.

ईडी ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल की बजाय किसी दूसरे अस्पताल में सत्येंद्र जैन का मेडिकल परीक्षण कराए जाने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राऊज एवेन्यू कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो सत्येंद्र जैन को लेकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पर विचार न करे.

इस मामले में सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. 18 जून को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दिया था. ईडी ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई.

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27 जुलाई को ईडी ने सत्येंद्र जैन समेत छह आरोपियों और चार कंपनियों को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल किया था. कोर्ट ने 29 जुलाई को चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने चार्जशीट में जिन आरोपियों को आरोपी बनाया है उनमें सत्येंद्र जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, सत्येंद्र जैन के करीबी वैभव जैन, अंकुश जैन, सुनील कुमार जैन, अजित कुमार जैन के अलावा अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आईडियल नाम कंपनियों के नाम शामिल हैं. इस मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन पहले से न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले में सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद और सुनील कुमार जैन को अंतरिम जमानत मिल चुकी है.

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