मनी लाउंड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

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Published : Jun 14, 2022, 2:24 PM IST

सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट 18 जून को सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी पर फैसला सुनाएगा. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट 18 जून को जमानत अर्जी पर फैसला सुनाएगा.

सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर वकील एन हरिहरन ने कहा कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ जो भी साक्ष्य हैं वे दस्तावेजी हैं और उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार के मंत्री हैं और उनके भागने की कोई संभावना नहीं है. किसी भी गवाह ने कभी भी सत्येंद्र जैन से अपने पर किसी भी खतरे की आशंका नहीं जताई है. हरिहरन ने कहा कि सत्येंद्र जैन जांच में सहयोग कर रहे हैं. वे ईडी के बुलावे पर सात बार पेश हो चुके हैं इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.

सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि ईडी लाला शेर सिंह ट्रस्ट से पैसों के लेनदेन की जांच कर रही है. दो या तीन लोगों ने कोलकाता में तीन-चार एकामोडेशन एंट्री की है. उन्होंने अपने अकाउंटेंट जेपी मोहता के दफ्तर में बैठक कर कहा कि हवाला के जरिये रकम जाएगी. 17 करोड़ रुपये की एकामोडेशन एंट्री का पता चला है. अभी जांच में और पता चलेगा. कोई भी मुफ्त में एकामोडेशन एंट्री नहीं करता है. कमीशन ली जाती है, इसलिए अगर जमानत दी गई तो साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है.

13 जून को कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जैन की पेशी के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई. तुषार मेहता ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. मेहता ने कहा था कि हमें ये पता लगाना है कि पैसा किसी और का लगा था कि नहीं. इस पैसे से किसको लाभ हुआ इसका पता लगाना है. उन्होंने कहा था कि ये मामला केवल 4.81 करोड़ का ही नहीं है.

सत्येंद्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि सत्येंद्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं. हरिहरन ने कहा था कि ईडी जो दलीलें दे रहा है वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है. उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है. 5-6 बार सत्येंद्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए.

हरिहरन ने कहा था कि सह-आरोपी कुछ भी कर सकता है उसके लिए आरोपी जिम्मेदार नहीं है. सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी का पैसा हवाला के जरिये गया. सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया. उनका बैंक खाता सीज किया गया. हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था. ईडी के पास जांच करने के लिए सब कुछ है.

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