नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार ने हाल में पेश दिल्ली बजट में अपने कामों पर पीठ थपथपाते हुए भविष्य की योजनाओं को गिनाया. इन योजनाओं के अलावा सरकार पिछले काफी समय से हर दिल्लीवासी को 700 लीटर पानी देने का दावा करती आई है, लेकिन संगम विहार इलाके में गली नंबर-16 जिसे राजस्थान वाली गली भी कहते हैं. वहां के स्थानीय लोगों की जमीनी हालात सरकार के कागजी दावों से एकदम उलट नजर आती है.
इलाके में जल बोर्ड की पाइप लाइन नहीं होने के कारण स्थानीय लोग बूंद-बूंद पानी को तरस जाते हैं. वहीं जलबोर्ड के टैंकर से मिलने वाले मुफ्त पानी के लिये भी यहां कुछ गलियों के लोगों को पैसे देने पड़ते हैं.
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खुलेआम लगता है जलबोर्ड के पानी का बाजार
संगम विहार की राजस्थानी गली में रहने वाले मोहम्मद अरशद बताते हैं कि जल बोर्ड के टैंकर से मुफ्त पानी को बेचने का खुला खेल चल रहा है. यहां पर 8 दिन में एक बार टैंकर से पानी सप्लाई की जाती है. वह बताते हैं कि बोर्ड के लोग एक टैंकर पानी के लिए तीन टैंकर की शीट पर साइन करवा लेते हैं. वहीं अरशद आरोप लगाते हैं कि एक टैंकर पानी के लिए 300 रुपये की मांग की जाती है. इलाके में रहने वाली एक अन्य स्थानीय महिला बताती हैं कि उन्हें सिर्फ दो ड्रम पानी मिलता है, जिससे वह 8 से 10 दिन तक काम चलाते हैं.
पैसा देने पर ही मिलता है पानी
इलाके के अन्य लोग बताते हैं कि हम अगर पैसे नहीं देते हैं तो पानी नहीं मिलता है. इसकी शिकायत एमएलए और निगम पार्षद से कई बार कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है. इसके अलावा कुछ स्थानीय लोगों ने अपने घर तक पानी पहुंचाने के लिए मोटर भी खरीद रखे हैं.
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पानी के काले बाजार में रंगे हैं निगम पार्षद से लेकर एमएलए तक के हाथ
पानी की समस्या पर गली नंबर-16 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष और दक्षिण दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष रामनिवास भड़ाना कहते हैं कि पानी का यह खेल विधायक और निगम पार्षद की मिलीभगत से चलता है. वह आरोप लगाते हैं कि पानी के एक टैंकर से 300 रुपये की उगाही की जाती है और दिन भर में कम से कम 200 टैंकर पानी संगम विहार के भीतर बेचा जाता है.
वहीं आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद जितेंद्र कुमार जीतू इस बारे में कहते हैं कि उन्हें भी कई बार ऐसी शिकायतें मिली है कि जलबोर्ड से पानी का सप्लाई करने वाले को लोग पैसे की मांग करते हैं. वह कहते हैं कि हम पानी के लिए पैसा लेने से सभी को मना करते हैं लेकिन अब कुछ लोग अपनी मर्जी से दे रहे हैं तो इसमें हम क्या कर सकते हैं?