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दिल्ली के व्यापारी क्याें कह रहे हैं कि सरकार ने उन लाेगाें काे वेंटिलेटर पर डाल दिया

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Published : Jan 13, 2022, 5:25 PM IST

दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ (corona in delhi) रहे हैं. इसे लेकर सरकार की सख्ती भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. सरकार की इस सख्ती को लेकर दिल्ली के व्यापारियों में जबरदस्त नाराजगी है. उनका कहना है कि लाखों-करोड़ों के टैक्स देने वाले व्यापारियों के काम को लेकर सरकार गंभीर (Shop opens Odd Even in Delhi) नहीं है. कई तरह के नियम लगाकर व्यापारियों को वेंटिलेटर पर ला दिया है.

व्यापारी
व्यापारी

नई दिल्लीः दिल्ली में काेराेना के मामले बढ़ने के बाद सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगायी हैं. इनमें दुकानाें काे ऑड-ईवन (Shop opens Odd Even in Delhi) की तर्ज पर खाेलने का निर्देश दिया गया है. सरकार के इस निर्णय से व्यापारियाें में नाराजगी है. दिल्ली के सबसे बड़े सदर बाजार के व्यापारी और यहां के व्यापार फेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट परमजीत सिंह पम्मा ने कई सवाल खड़े किए हैं. सरकार से आग्रह किया है कि इस पर विचार करके व्यापारियों को राहत दें.

उन्होंने कहा कि पहले तो ऑड ईवन (Shop opens Odd Even in Delhi) की वजह से सप्ताह में तीन दिन ही दुकानें खुलती थी. उसके बाद साप्ताहिक लॉकडाउन लगाकर दुकान खोलने की संख्या मुश्किल से आठ से 10 दिन रह गई है. अब गोदाम भी खोलने के लिए ऑड ईवन के हिसाब से तय किया गया है, जिससे की एक नई समस्या उत्पन्न हो गई है. किसी व्यापारी का दुकान ऑड में पड़ता है, तो गोदाम ईवन में. उनके सामने समस्या है कि कब कैसे क्या करें?

क्या कहा सदर बाजार फेडरेशन के उपाध्यक्ष ने.
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इतना ही नहीं नाइट कर्फ्यू की वजह से रात में माल लाने की समस्या है कि उस दौरान कैसे गोदाम खोलकर अनलोड करवाएं. उनकी मांग है कि सरकार साप्ताहिक लॉकडाउन को लगाए (Demand to remove odd even from shop in Delhi) रखें, लेकिन सोमवार से शुक्रवार व्यापारियों को दुकान खोलने की अनुमति दे, जिससे कि कोरोना से बचते हुए धंधा भी चलता रहे और लोगों को रोजी-रोटी भी मिलती रहे.

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महीने में आठ से 10 दिन दुकान खुलने पर व्यापारियों के सामने संकट हो गया है. वह कैसे अपने स्टाफ की सैलरी देगा, कैसे टैक्स देगा और कैसे दूसरे खर्चे निकालने के साथ कैसे दुकान का किराया भरेगा.


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