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कानून के विरोध का अधिकार है लेकिन संपत्ति नुकसान व पुलिस पर हमले का हक नहीं : दिल्ली पुलिस

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Published : Jan 31, 2022, 7:18 PM IST

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट से कहा कि किसी को कानून से शिकायत है तो उसे विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उसे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमले का हक नहीं है.

Right to protest against law but no right to damage property and attack police

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट से कहा कि किसी को कानून से शिकायत है तो उसे विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उसे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमले का हक नहीं है. उमर खालिद की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी.


सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली इलाके के गूगल मैप को कोर्ट से साझा किया. उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खास मार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया था ताकि पूरा इलाका कट जाए. उन्होंने कहा कि हर घटना में पुलिस पर हमला और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का पैटर्न देखा गया. अमित प्रसाद ने कहा कि अगर आपको किसी कानून से शिकायत है तो उसे व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे और पुलिसकर्मियों पर हमले करेंगे.


अमित प्रसाद ने एफआईआर को पढ़ते हुए कहा कि मीरान हैदर व आसिफ इकबाल तन्हा इत्यादि के चैट में एक पैटर्न साफ है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाओ. उन्होंने कहा कि आरोपियों के चैट से साफ पता चलता है कि हिंसा की पूर्व नियोजित साजिश रची गई. पेट्रोल बम ऐसा नहीं है जो किसी दुकान पर मिल जाए. इसके लिए आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत होगी, जो इसे बनाना जानता हो.

28 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 2020 में किए गए विरोध से नागरिकता संशोधन कानून का कोई लेना-देना नहीं था. बल्कि उसके जरिए सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में बदनाम करने की नीयत थी. 11 जनवरी को सुनवाई के दौरान प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद वेब सीरीज का हवाला देकर याचिका का निपटारा करवाना चाहते हैं. उनकी दलीलों में कोई दम नहीं है. अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद वेब सीरीज फैमिली मैन और सिनेमा ट्रायल ऑफ शिकागो का हवाला दे रहे हैं. जब दलीलों में कोई दम नहीं होता है तो वे हेडलाइंस में रहने के लिए ऐसी दलीलें देते हैं.

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बतादें कि क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देश विरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 100 पेज की चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की. इस दौरान ही उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए. इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया. चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया, उसके लिए आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे. उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था. 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया. 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल किया था.

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