चोरी के मोबाइल फोन के साथ रिसीवर गिरफ्तार, 7 मोबाइल फोन बरामद

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Published : Sep 30, 2022, 4:56 PM IST

चोरी के मोबाइल फोन के साथ रिसीवर गिरफ्तार,
चोरी के मोबाइल फोन के साथ रिसीवर गिरफ्तार, ()

ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत काम करते हुए बाहरी जिले की स्पेशल स्टाफ ने चोरी के मोबाइल फोन के एक रिसीवर को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान वीरू के रूप में हुई है. ये मंगोलपुरी के एफ ब्लॉक का रहने वाला है. इसके पास से चोरी के 7 मोबाइल फोन बरामद किये गए हैं.

नई दिल्ली: ऑपरेशन "क्लीन स्वीप" के तहत चोरी का सामान ले जाने वाले चोरों और रिसीवरों जैसे सक्रिय अपराधियों पर नजर रखने और उनकी गिरफ्तारी के लिए जिले की पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं. इसी क्रम में बाहरी जिले के स्पेशल स्टाफ ने गुप्त मुखबिरों को तैनात किया, जिनसे उन्हें वीरू नाम के एक व्यक्ति के चोरी के मोबाइल फोन ले जाने के संबंध में सूचना प्राप्त हुई. इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इंस्पेक्टर स्पेशल स्टाफ और एसीपी की कड़ी निगरानी में एक समर्पित टीम का गठन किया गया. टीम में एसआई प्रदीप कुमार, एएसआई राजकुमार, हेड कॉन्स्टेबल नवीन, कॉन्स्टेबल नीतू और अन्य शामिल थे.

टीम ने सूचना पर काम किया और शाम के करीब 5 बजे टीम मंगोलपुरी पहुंची, जहां विशेष सूचना पर वीरू नाम के एक व्यक्ति को पकड़ लिया गया. उसकी तलाशी के दौरान उसके पास से मोबाइल फोन बरामद किए गए. उससे मोबाइल फोन के बारे में पूछा गया लेकिन उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिस पर मोबाइल फोन के विवरण की जांच की गई और सभी फोन विभिन्न थाना इलाकों से चोरी पाए गए.

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पुलिस ने बरामद मोबाइल फोन को जब्त कर उसे हिरासत में ले लिया है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि वह नशे का आदी है और पहले भी अपराध में शामिल था. वह 5-6 महीने पहले जेल से रिहा हुआ है. इसके बाद वह रोहिणी के रहने वाले जितेंद्र नाम के शख्स के संपर्क में आया, जिसका काम चुराए गए मोबाइल फोन खरीदना और उन्हें बेचकर पैसा कमाना है. आरोपी भी उससे प्रेरित हुआ और उसने भी उसके साथ काम करने का फैसला किया.

जितेंद्र उससे रोहिणी सेक्टर-2 में मिलता था, लेकिन उसका पूरा पता नहीं है, जिसने उसे 6 चोरी के मोबाइल फोन बेचने के लिए दिए थे. वह राहगीरों को सस्ते दामों पर मोबाइल फोन बेचता था और पैसे उसके और जितेंद्र के बीच बांट दिए जाते थे. इसमें जितेंदर लाभ का 60% इस्तेमाल करता था. इस बार भी वह चोरी हुए मोबाइल फोन बेचने जा रहा था लेकिन आउटर डिस्ट्रिक्ट के अलर्ट स्पेशल स्टाफ ने उसे दबोच लिया.

आरोपी पहले आर्म्स एक्ट के एक आपराधिक मामले में शामिल रहा है. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर उसके साथी जितेंद्र की तलाश में लग गई है. इसकी गिरफ्तारी से मंगोलपुरी, राजपार्क, पश्चिम विहार वेस्ट और निहाल विहार थानों के कुल 7 मामलों का खुलासा हुआ है.

आर्म्ड, रॉबरी और हत्या के प्रयास का वांटेड कुख्यात गिरफ्तार

स्पेशल सेल नई दिल्ली रेंज की पुलिस ने एक ऐसे कुख्यात और वांटेड बदमाश को गिरफ्तार किया है. यह पिछले साल हत्या के प्रयास के मामले में सराय रोहिल्ला थाने में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार हुए था और 7 महीने की जेल काटने के बाद इस साल जून में बेल पर बाहर आया था. जेल से बाहर निकलने के बाद उसने अपराध की दुनिया से दूरी बना कर नहीं रखी, बल्कि बाहर निकलते ही एक महीने के अंदर हत्या के प्रयास और आर्म्ड रॉबरी के दो सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दे डाला. इसके बाद से ही ये लगातार अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था.

डीसीपी पीएस कुशवाहा के अनुसार, इन मामलों में गिरफ्तार कुख्यात वांटेड बदमाश की पहचान सनी उर्फ राज राठौर के रूप में हुई है. ये दिल्ली के शास्त्री नगर इलाके का रहने वाला है. सिर्फ 23 साल का है लेकिन काफी उग्र व्यवहार का है. पिछले साल नवंबर में इसने दुश्मनी की वजह से एक व्यक्ति पर चाकू से कई बार हमला किया था. इस मामले में गिरफ्तारी के बाद 7 महीनों की जेल काटने के बाद जून में ये बेल पर बाहर निकला था. इसके बाद फिर से वो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया. इसने जुलाई में अपने साथी अभिषेक उर्फ डांसर और अर्जुन के साथ मिल कर व्यक्तिगत दुश्मनी में जितेंद उर्फ़ जीतू नाम के शख्स पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले में अभिषेक उर्फ डांसर को सराय रोहिल्ला थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि सनी और अर्जुन बचने में कामयाब हो गए थे.

आर्म्ड, रॉबरी और हत्या के प्रयास का वांटेड कुख्यात गिरफ्तार

इसके बाद 3 सप्ताह के अंदर ही इसने अपने साथी बबलू के साथ मिल कर करोल बाग के एक सराफा व्यापारी से 4 लाख रुपये कैश और 1.2 किलो चांदी की सनसनीखेज लूट की वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले मे न्यू उस्मानपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था और स्थानीय पुलिस ने एक सचिन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसने सराफा व्यापारी के बारे में टिप दी थी. जबकि एक बार फिर से सनी अपने साथी बबलू के साथ दिल्ली से फरार होने में कामयाब हो गया था. इसके बाद सनसनीखेज और जघन्य वारदातों के वांटेड सनी की पकड़ के लिए एसीपी ललित मोहन और हृदय भूषण की देखरेख में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर संजय गुप्ता और राजेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर लगाया गया था. पुलिस टीम के लगातार और केंद्रित प्रयास से उन्हें कुख्यात बदमाश सनी के वेस्टर्न यूपी में मथुरा के आसपास छुप कर रहने का पता चला. जिसके बाद पुलिस टीम इसकी तलाश में मथुरा पहुंची, जहां उन्हें, उसके ट्रेस होने के डर लगातार ठिकाने बदलते रहने की जानकारी हुई.

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