नई दिल्लीः निर्भया कांड की बरसी पर जेएनयू के छात्रों ने गंगा ढाबा से मुनिरका बस स्टैंड तक प्रोटेस्ट मार्च (March from JNU on Nirbhaya case anniversary) निकाला. गुरुवार रात 10 बजे गंगा ढाबा से (Protest march from Ganga Dhaba of JNU) डफली बजाते और स्लोगन से लिखा हुआ पोस्टर लेकर मुनिरका बस स्टैंड (Protest march from Ganga Dhaba to Munirka) तक पैदल मार्च निकाला. ये मार्च मुनिरका गांव से होकर गुजरना था, लिहाजा बड़ी संख्या मे दिल्ली पुलिस साथ साथ चल रही थी. इस दाैरान वे महिला सम्मान और महिलाओं की हिफाजत को लेकर आजादी (Azadi slogan raised in JNU) दिलाने की मांग करते रहे.
काफी संख्या में छात्र कैंपस से निकलकर सड़क से होते हुए मुनिरका के उसी बस स्टैंड पर पहुंचे जहां पर निर्भया को किडनैप किया गया था. छात्रों ने बस स्टैंड पर काफी देर तक नारेबाजी की और महिला हित और उनकी सुरक्षा को लेकर काफी सारी बातें कही. जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने कहा कि देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है. इसे ठीक करने के लिए शासन प्रशासन और समाज में भी सुधार लाने की जरूरत है.
![निर्भया की 9वीं बरसी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13929507_442_13929507_1639705042546.png)
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जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेसिडेंट और यहां की महिला छात्रा इस प्रदर्शन के माध्यम से मोदी सरकार और योगी सरकार के खिलाफ अपने विचारों को रखा. छात्रों का मानना था कि मौजूदा सरकार महिला सुरक्षा (JNU students accuse government not giving security) को लेकर कुछ खास नहीं कर रही है. जबकि नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने से पहले महिला सुरक्षा को लेकर तमाम दावे कर रहे थे.
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जेएनयू के छात्र जो एक तरफ निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए कई दिनों तक सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे, वहीं दूसरी तरफ इस घटना के आरोपियों को जब फांसी की सजा दी गई तो वे इसके खिलाफ थे. इनका कहना है कि कई सारे आंकड़े हैं जिसमें फांसी साल्यूशन नहीं है. फांसी की सजा के बाद भी रेपिस्ट पीड़िता को जान से मार देते हैं और कई मामलों में ऐसा हुआ है.
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