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मोबाइल टावर के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार, 500 से अधिक लोग हुए शिकार

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Published : Jul 27, 2019, 6:39 AM IST

Updated : Jul 27, 2019, 6:56 AM IST

साइबर सेल ने एक ऐसे गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया है जो अब तक 500 से ज्यादा लोगों से मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है.

आरोपी रितेश शर्मा etv bharat

नई दिल्ली: अपने मकान या जमीन पर मोबाइल टावर लगवाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले फर्जी विज्ञापनों से बचने की आवश्यकता है. फर्जी विज्ञापनों के चलते आए दिन ठगी के मामले सामने आते रहते हैं.


इसी कड़ी में साइबर सेल ने ऐसे ही एक गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया है जो अब तक वह 500 से ज्यादा लोगों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है. उसने न केवल दिल्ली बल्कि केरल, महाराष्ट्र, अहमदाबाद जैसे राज्यों के लोगों से भी ठगी की है.

शिकायत के बाद शुरू की छानबीन
डीसीपी अन्येश राय ने बताया कि मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी की तरफ से उन्हें शिकायत मिली थी. जिसमें बताया गया कि कुछ ठग लोगों को मोबाइल टावर लगाने का झांसा दे रहे हैं और इसके लिए गैंग उनकी कंपनी से मिलती-जुलती वेबसाइट और मिलते-जुलते ई-मेल का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. इसकी वजह से लोग विश्वास करके उनके झांसे में फंस जाते हैं और लाखों रुपए गवा बैठते हैं.


इसी बात को ध्यान में रखते हुए मामला दर्ज कर एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर सज्जन सिंह और एसआई अवधेश की टीम ने छानबीन शुरू की.

आरोपी हुआ गिरफ्तार
डीसीपी ने बताया कि इस मामले की छानबीन के दौरान उन्होंने 28 वर्षीय रितेश शर्मा उर्फ को गिरफ्तार किया है जो उत्तम नगर का रहने वाला है. रितेश ने कई कंपनियों में नौकरी की है. पांच साल पहले वह एक कॉल सेंटर में टेलीकॉलर की नौकरी करता था.


वहीं उसकी मुलाकात कुछ अन्य युवकों से हुई जो जल्दी पैसा कमाना चाहते थे. उन लोगों ने मिलकर साल 2015 में एक गैंग बनाया.

कैसे करते थे ठगी
उन्होंने सबसे पहले मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी के बारे में जानकारी जुटाई. इसके बाद एक कंपनी से मिलता-जुलता ईमेल, वेबसाइट भी उन्होंने बना लिया. उन्होंने ठगी के लिए केरल, महाराष्ट्र, असम, अहमदाबाद आदि राज्यों को चुना. यहां के लोगों को फंसाने के लिए उन्होंने अखबार में विज्ञापन दिया.


जिसके बाद मोबाइल टावर लगाने के लिए जमीन देने वाले को 30 लाख रुपये का ऑफर दिया. इसके अलावा प्रत्येक महीना 60 हजार रुपये किराए के तौर पर देने की बात भी कही. इस ऑफर के बाद वह लोगों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे लेते थे और इस तरह से वह ठगी करते थे.

500 से भी ज्यादा लोगों को लगाया चूना
पुलिस के अनुसार आरोपी रितेश ने बताया कि वह अब तक 500 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है. वह 10,000 से लेकर एक लाख रुपये तक की ठगी करता था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि अब तक वह एक करोड़ से ज्यादा की कमाई इस तरीके से कर चुका है.

Intro:नई दिल्ली
अपने मकान या जमीन पर मोबाइल टॉवर लगवाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले फर्जी विज्ञापनों से बचने की आवश्यकता है. साइबर सेल ने ऐसे ही एक गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया है. अब तक वह 500 से ज्यादा लोगों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका था. उसने न केवल दिल्ली बल्कि केरल, महाराष्ट्र, अहमदाबाद आदि राज्यों के लोगों से भी ठगी करते थे.


Body:डीसीपी अन्येश राय ने बताया कि मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी की तरफ से उन्हें शिकायत मिली थी. इसमें बताया गया कि कुछ ठग लोगों को मोबाइल टावर लगाने का झांसा दे रहे हैं. इसके लिए उनकी कंपनी के लोगो, मिलती-जुलती वेबसाइट और मिलते-जुलते ई-मेल का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. इसकी वजह से लोग विश्वास करके उनके झांसे में फंस जाते हैं और लाखों रुपए गवा बैठते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए मामला दर्ज कर एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर सज्जन सिंह और एसआई अवधेश की टीम ने छानबीन शुरू की.


रितेश शर्मा को किया गया गिरफ्तार
डीसीपी ने बताया कि इस मामले की छानबीन के दौरान उन्होंने 28 वर्षीय रितेश शर्मा उर्फ को गिरफ्तार किया है. वह उत्तम नगर का रहने वाला है. उसने पत्राचार से 11वीं कक्षा पास की है. उसने कई कंपनियों में नौकरी की है. पांच साल पहले वह एक कॉल सेंटर में टेलीकॉलर की नौकरी करता था. वहीं उसकी मुलाकात कुछ अन्य युवकों से हुई जो जल्दी पैसा कमाना चाहते थे. उन लोगों ने मिलकर वर्ष 2015 में एक गैंग बनाया. उन्होंने साजिश के तहत ऐसी साजिश रची ताकि उनका शिकार जाल में आसानी से फंस जाए.


इस तरह से करते थे ठगी
उन्होंने सबसे पहले मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी के बारे में जानकारी जुटाई. इसके बाद एक कंपनी से मिलता-जुलता ईमेल, वेबसाइट भी उन्होंने बना लिया. उन्होंने ठगी के लिए केरल, महाराष्ट्र, असम, अहमदाबाद आदि राज्यों को चुना. यहां के लोगों को फंसाने के लिए उन्होंने अखबार में विज्ञापन दिया. उन्होंने मोबाइल टावर लगाने के लिए जमीन देने वाले को 30 लाख रुपये का ऑफर दिया. इसके अलावा प्रत्येक महीना 60 हजार रुपये किराए के तौर पर देने की बात भी कही. इस ऑफर के बाद वह लोगों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे लेते थे और इस तरह से वह ठगी करते थे.





Conclusion:दूसरी कंपनी के नाम पर की ठगी
लोगों को जब शक हुआ तो उन्होंने छानबीन की तब जाकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके बाद उन्होंने दूसरी टावर कंपनी के नाम से अखबार में विज्ञापन दिया. इस बार उन्होंने 18 लाख रुपए एडवांस और 28 हजार रुपये महीना देने की बात कही. रितेश का दावा है कि वह अब तक 500 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है. वह 10,000 से लेकर एक लाख रुपये तक की ठगी करता था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि अब तक वह एक करोड़ से ज्यादा की कमाई इस तरीके से कर चुका है.
Last Updated : Jul 27, 2019, 6:56 AM IST
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