शोध में आया सामने, 80 प्रतिशत लोगों के शरीर में मौजूद हैं प्लास्टिक के कण

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Published : Jun 24, 2022, 10:54 PM IST

80 प्रतिशत लोगों के शरीर में मौजूद हैं प्लास्टिक के कण

प्लास्टिक आज हमारे जीवन में हर क्षेत्र में मौजूद है. इसकी मौजूदगी से हम इनकार नहीं कर सकते. हमारे देश में प्रति व्यक्ति किलो किलो प्लास्टिक का खर्च होता है. यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को किस तरह नष्ट कर रहा है, बता रहे हैं हमारे विशेषज्ञ...

नई दिल्ली. प्लास्टिक कचरा और प्रदूषण विश्व के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. माइक्रोप्लास्टिक लोगों के शरीर के भीतर विभिन्न माध्यमों से पहुंचकर शरीर को बहुत बीमार कर रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सेंट्रल दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रमेश बंसल बताते हैं कि प्लास्टिक आज हमारे जीवन में हर क्षेत्र में मौजूद है. हमारे देश में प्रति व्यक्ति 4 किलो प्लास्टिक का खर्च होता है. प्लास्टिक के बैग, प्लास्टिक के फूड आइटम, पैकिंग के सामानों में, प्लास्टिक का प्रचुर मात्रा में प्रयोग किया जाता है.

डॉक्टर बंसल ने एक वैज्ञानिक अध्ययन के हवाले से बताया कि जितने लोगों पर शोध किया गया उनमें 80 प्रतिशत लोगों के शरीर में प्लास्टिक के कण मौजूद थे. लोगों के शरीर के अंदर माइक्रोपार्टिकल्स के रूप में प्लास्टिक मौजूद होना काफी चिंता का विषय है. शरीर में पहुंचकर यह स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं. यह मनुष्यों के महत्वपूर्ण हार्मोन एस्ट्रोजन को असंतुलित कर देते हैं. इससे कैंसर जैसी बीमारी होती है.



पीएमसीएच के फिजिशियन डॉ दशरथ सिंह ने बताया कि प्लास्टिक को लेकर टॉक्सिक लिंक की एक स्टडी 2019 में सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि राजधानी में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट (कचरा) इन्फॉर्मल सेक्टर (रीसाइकलिंग प्लांट की जगह अन्य जगहों पर पहुंचने वाले कचरे) में जा रहा है. कई प्लास्टिक ऐसे हैं, जिन्हें कोई लेने को तैयार नहीं है. इनमें खाने के सामानों के पैकेट, नूडल्स के पैकेट, बिस्किट और चिप्स के मल्टी लेयर पैकेट आदि शामिल हैं. प्लास्टिक के प्रयोग को तत्काल बंद कर हमें जागरूक नागरिक होने के कर्तव्य का पालन करना चाहिए.

80 प्रतिशत लोगों के शरीर में मौजूद हैं प्लास्टिक के कण

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 उत्पादों पर बैन, लागू करना अभी भी चुनौती

बता दें, राजधानी दिल्ली में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का ना तो फैक्ट्री में उत्पादन हो सकेगा और ना ही इसका बाजारों में प्रयोग. अगर कोई भी प्लास्टिक का प्रयोग करते हुए पाए जाएंगे तो उन्हें 5 वर्ष की जेल की सजा और एक लाख रुपए तक का आर्थिक दंड भुगतना पड़ेगा. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और स्टेट पोलूशन कंट्रोल बोर्ड इस काम में मुस्तैदी से जुट गए हैं.

80 प्रतिशत लोगों के शरीर में मौजूद हैं प्लास्टिक के कण
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