नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी 19 चीजों पर बैन लगा दिया गया है. लेकिन सवाल यह है कि इस बैन को दिल्ली के बाजारों पर कैसे लागू किया जाएगा. दिल्ली के बाजारों में इस पर व्यापारियों के बीच में अलग-अलग मत हैं. व्यापारियों का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का अभी तक कोई पर्याय सरकार के द्वारा नहीं दिया गया है. वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी सरकार जागरूकता अभियान चलाने में पूरी तरह से विफल रही है.
बता दें, हर साल देश भर में 94,50,000 मेट्रिक टन प्लास्टिक देश का उत्पादन होता है. जिसमें से महज 20 से 25% ही रीसायकल हो पाता है. अकेले राजधानी दिल्ली में हर रोज 800 से 900 मेट्रिक टन कूड़े का उत्पादन होता है. यहां पर प्लास्टिक वेस्ट के ट्रीटमेंट को लेकर अभी तक प्रशासन के द्वारा कोई भी प्लांट की स्थापना नहीं की गई है. ऐसे में दिल्ली के बाजारों में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना प्रशासन के लिए एक अलग चुनौती होगी.
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कुछ समय पहले नॉर्थ एमसीडी के पूर्व मेयर जयप्रकाश के द्वारा सदर बाजार सहित दिल्ली गेट क्षेत्र में स्थित महिला हाट दरियागंज के बाजारों को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त मार्केट घोषित किया गया था. बड़े स्तर पर बढ़-चढ़कर अभियान भी चलाया गया था. लेकिन कुछ समय बाद ही यहां पर सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग दोबारा शुरू हो गया. पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के मद्देनजर 2016 में ही नियम बनाए गए थे.लेकिन इसे कभी भी सफलतापूर्वक पूरी राजधानी दिल्ली में लागू नहीं किया जा सका.