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पिंक टिकट पर सीएम केजरीवाल की फोटो, मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस

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Published : Oct 24, 2019, 9:46 AM IST

बसों में निशुल्क यात्रा करने वाली महिलाओं को दिए जाने वाले टिकट के पीछे मुख्यमंत्री केजरीवाल का फोटो छापने को लेकर बीजेपी ने शिकायत की थी. मामले में लोकायुक्त ने मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस जारी किया है.

सीएम केजरीवाल

नई दिल्ली: डीटीसी बसों में महिलाओं की मुफ्त सवारी की योजना के लिए पिंक टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फोटो छापने के मामले में लोकायुक्त ने मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस भेजा है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को इसकी शिकायत उपराज्यपाल और लोकायुक्त से की थी.

notice to managing director
मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस

बसों में निशुल्क यात्रा करने वाली महिलाओं को दिए जाने वाले टिकट के पीछे मुख्यमंत्री केजरीवाल का फोटो छापने पर उनके द्वारा लोकायुक्त के समक्ष दाखिल की गई. याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के लोकायुक्त न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल ने किसी अन्य जिम्मेदार अधिकारी जो इस विषय पर प्रकाश डालने में सक्षम हो, उसे इस मामले से संबधित अभिलेख प्रस्तुत करने हेतु 1 नवंबर 2019 को पेश होने को कहा है.

बीजेपी ने की थी शिकायत
जिससे उनके द्वारा दाखिल शिकायत में लगाए गए इल्जामों पर सही जानकारी मिल सके. मंगलवार को बीजेपी के अन्य विधायकों के साथ लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के समक्ष मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ बीजेपी की ओर से डीटीसी बसों में महिलाओं को दी जाने वाली निशुल्क टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फोटो को लेकर याचिका दाखिल की थी.

याचिका में शिकायत की गयी है कि केजरीवाल सरकार चुनाव से पहले नियम कायदे ताक पर रखकर मुख्यमंत्री का प्रचार कर रही है ताकि आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में अधिक से अधिक मत प्राप्त हो सकें.
याचिकाकर्ताओं ने लोकायुक्त से जल्द सुनवाई का निवेदन किया था क्योंकि दिल्ली सरकार इस योजना को 11 अक्टूबर को मंजूरी दे चुकी है तथा टिकटों का मुद्रण पश्चात् डिपो तथा अधिकारियों तक पहुंचाने का काम आरम्भ हो चुका है जिस पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है.

'केजरीवाल ने दोहराई गलती'
विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फोटो लगाने का निर्णय आधिकारिक चैनल से नहीं लिया गया. यह कोई विज्ञापन नहीं है और इसके लिए सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम को कोई अदायगी नहीं की है. अतः यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अंतर्गत नहीं आता.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि साल 2012 में दिल्ली स्वराज योजना के अंतर्गत ऋण प्रार्थना पत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित तथा परिवहन मंत्री राज कुमार चैहान के प्रकाशित किए गए फोटो तत्कालीन लोकायुक्त ने हटाने के आदेश दिए थे.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी उसी गलती को दोहराया है. इसलिए उन्होंने लोकायुक्त से पुरे मसले पर कड़ी निगाह से जांच कर फोटो हटाए जाने के आदेश पारित करने की गुजारिश की थी.

Intro:नई दिल्ली : डीटीसी बसों में महिलाओं की मुफ्त सवारी की योजना के लिए पिंक टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फ़ोटो छापने के मामले में लोकायुक्त ने मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस भेजा है. Body:विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को इसकी शिकायत उपराज्यपाल और लोकायुक्त से की थी. बसों में निशुल्क यात्रा करने वाली महिलाओं को दिए जाने वाले टिकट के पीछे मुख्यमंत्री केजरीवाल का फोटो छापने पर उनके द्वारा लोकायुक्त के समक्ष दाखिल की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के लोकायुक्त न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल ने छपाई प्रक्रिया से गुजर रही महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा पास के पीछे विज्ञापन/सन्देश छापने पर सफाई की आवश्यकता जताते हुए नोटिस जारी कर इस टिकट पर छापे गए विज्ञापन/सन्देश को लेकर दिल्ली परिवहन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य जिम्मेदार अधिकारी जो इस विषय पर प्रकाश डालने में सक्षम हो, इस मामले से संबधित अभिलेख प्रस्तुत करने हेतु 1 नवंबर 2019 को पेश होने को कहा है.

जिससे उनके द्वारा दाखिल शिकायत में लगाए गए इल्जामों पर सही जानकारी मिल सके. मंगलवार को भाजपा के अन्य विधायकों के साथ लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के समक्ष मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत के विरुद्ध भाजपा की ओर से डी टी सी बसों में महिलाओं को दी जाने वाली निशुल्क टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फोटो को लेकर याचिका दाखिल की थी. याचिका में शिकायत की गयी है कि केजरीवाल सरकार चुनाव से पहले नियम कायदे ताक पर रखकर मुख्यमंत्री का प्रचार कर रही है ताकि आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में अधिक से अधिक मत प्राप्त हो सकें. याचिकाकर्ताओं ने लोकायुक्त से जल्द सुनवाई का निवेदन किया था क्योंकि दिल्ली सरकार इस योजना को 11 अक्टूबर को मंजूरी दे चुकी है तथा टिकटों का मुद्रण पश्चात् डिपो तथा अधिकारियों तक पहुंचाने का काम आरम्भ हो चुका है जिस पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है.

Conclusion:विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि टिकट के पीछे मुख्यमंत्री की फोटो लगाने का निर्णय आधिकारिक चैनल से नहीं लिया गया. यह कोई विज्ञापन नहीं है और इसके लिए सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम को कोई अदायगी नहीं की है. अतः यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अंतर्गत नहीं आता. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि वर्ष 2012 में दिल्ली स्वराज योजना के अंतर्गत ऋण प्रार्थना पत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित तथा परिवहन मंत्री राज कुमार चैहान के प्रकाशित किए गए फोटो तत्कालीन लोकायुक्त ने हटाने के आदेश दिए थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी उसी गलती को दोहराया है. इसलिए उन्होंने लोकायुक्त से पुरे मसले पर कड़ी निगाह से जांच कर फोटो हटाए जाने के आदेश पारित करने की गुजारिश की थी.

समाप्त, आशुतोष झा
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