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जामिया हिंसा: सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Aug 4, 2020, 7:50 PM IST

जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आज याचिकाकर्ताओं के वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कोर्ट के सामने दो सीडी भी प्ले कर दिखाई.

Petitioners make serious allegations against Delhi Police in Jamia violence case
याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि पुलिस छात्रों पर इसलिए बर्बरता से पेश आई ताकि वे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा न ले सकें. आज याचिकाकर्ताओं के वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कोर्ट के सामने दो सीडी भी प्ले कर दिखाई.

याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

पुलिस बर्बरता की स्वतंत्र जांच की मांग

सुनवाई के दौरान गोंजाल्वेस ने पुलिस बर्बरता की स्वतंत्र जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि छात्रों ने संसद मार्च की योजना बनाई थी जिससे पुलिस भयभीत हो गई थी. छात्रों पर आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया. एक छात्र कि हाथ टूट गया, एक छात्र की आंखों की रोशनी चली गई. इस मामले में चार छात्रों पर पूरी घटना की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. गोंजाल्वेस ने कहा कि छात्र विवाद करने के मूड में नहीं थे.

प्ले किए गए दो वीडियो

गोंजाल्वेस ने कहा यह मामला पुलिस सुधार के लिए केस स्टडी का विषय है. जामिया परिसर अल्पसंख्यकों का है. वहां सांप्रदायिक स्थिति निर्मित हो गई थी. गोंजाल्वेस ने कोर्ट के सामने दो सीडी प्ले किया. ृइसमें एक वीडियो में पुलिसवाले डीटीसी की एक बस पर पीले रंग की केन से कथित रुप से तेल छिड़कते हुए दिख रहे हैं. दूसरी वीडियो जामिया लाइब्रेरी की है जिसमें सुरक्षा बल छात्रों पर लाठियां चलाते हुए सीसीटीवी को तोड़ते हुए नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि इन सीसीटीवी फुटेज और कोर्ट में पुलिस के हलफनामे के आधार पर हम कह सकते हैं कि पुलिस को इस तरह काम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. हम मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. गोंजाल्वेस ने कहा कि जामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में अलग-अलग दिन लेकिन एक ही समय पर पुलिस द्वारा छात्रों पर बर्बरता से पेश आना हैरानी की बात है.

बिना अनुमति कैंपस में कैसे घुसी पुलिस

गोंजाल्वेस ने कहा कि जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली पुलिस को यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने की इजाजत नहीं दी गई. तब यूनिवर्सिटी प्रशासन की इजाजत के बिना पुलिस अंदर कैंपस में दाखिल हुई और फिर छात्रों को पीटा. छात्रों के खिलाफ एक युद्ध की तरह पेश आया गया. डर की वजह से छात्राएं वाशरुम में घुस गईं. मस्जिद के बुजुर्ग इमाम तक की पिटाई की गई. उन्होंने कहा कि उनकी याचिका दायर करने के बाद सभी छात्रों को रिहा किया गया.

छात्रों की ओर से एक भी एफआईआर दर्ज नहीं किए गए

गोंजाल्वेस ने कहा कि करीब सौ छात्रों के बयान दर्ज हुए लेकिन छात्रों की तरफ से एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई. जामिया के गार्ड बयान देना चाहते थे लेकिन उनका बयान दर्ज नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जांच एकतरफा की गई जो छात्र घायल हुए उनके खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल की गई. एक भी पुलिस अधिकारी का नाम चार्जशीट में नहीं है. चार्जशीट में नारे लगाना तो गैरकानूनी बताया गया है लेकिन छात्रों का पीटना कोई अपराध नहीं माना गया है. ऐसे में पुलिस से निष्पक्ष न्याय की कैसे उम्मीद की जा सकती है.

'विदेशों में भी प्रोटोकॉल का पालन करती है पुलिस'

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि युनिवर्सिटी में प्रवेश के पहले प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. पुलिस बिना अनुमति के घुस गई. आपात स्थिति में भी पुलिस को यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने से पहले कारण बताना होता है. विदेशों में भी पुलिस प्रोटोकॉल का पालन करती है. उन्होंने कहा कि जामिया यूनिवर्सिटी सड़क के दोनों ओर स्थित है. छात्रों को दूसरों से मिलने के लिए रोड पर आना पड़ता है. छात्रों को प्रदर्शन के लिए भी रोड पर आना पड़ता है. छात्र संसद पर प्रदर्शन करने जा रहे थे. उन्होंने रामलीला जजमेंट का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे प्रदर्शन हमारे लोकतंत्र की परंपरा है. पुलिस बल का प्रयोग तभी हो जब जान पर खतरा हो. उन्होंने कहा कि पुलिस अपने मामले का खुद जज नहीं बन सकती है.

'कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का दिशानिर्देश सौंपा'

सलमान खुर्शीद ने यूनिवर्सिटी की भीड़ से निपटने के लिए एक अलग पुलिस बल की स्थापना की मांग की. उन्होंने पुलिस बलों को संवेदनशील बनाने की वकालत की. उन्होंने घायल छात्रों को मुआवजे की मांग की. उन्होंने सीलबंद लिफाफे के न्यायशास्त्र में पारदर्शिता बरतने की मांग की. खुर्शीद ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के लिए जारी दिशानिर्देश कोर्ट को सौंपा और कहा कि यूनिवर्सिटी में बलों के प्रयोग के पहले पूर्व अनुमति लेनी होती है.

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