नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को जनसंख्या विस्फोट की समस्या पर चिंता जताई. संघ प्रमुख ने कहा कि भारत में जनसंख्या पर एक समग्र नीति बनाई जानी चाहिए, जो सब पर समान रूप से लागू हो और किसी को इससे छूट नहीं मिले. भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या की समस्याओं की बड़ी वजहों में से एक माना जाता रहा है. समय- समय पर संस्थाएं एवं विश्लेषक इस ओर इशारा करते रहे हैं. अब इसी को लेकर ईटीवी भारत ने दिल्ली की आम जनता से बात की.
दिल्ली के ज्यादातर लोगों का कहना था कि जनसंख्या कानून को लेकर सरकार पिछले कई वर्षों से विचार कर रही है. अब समय आ गया है कि उसे लागू करना चाहिए. भागवत के बयान पर लोगों का कहना है कि जनसंख्या कानून लोगों के हित के लिए है. यह किसी विशेष धर्म के लिए नहीं है.
यह सभी धर्मों के ऊपर लागू होना चाहिए. किसी भी जाति या किसी भी समुदाय को इसमें छूट नहीं मिली चाहिए. हम दो हमारे दो वाला कानून लागू होने का समय आ गया है. क्योंकि देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि महंगाई भी बढ़ती जा रही है. लोगों के पास नौकरी नहीं है. जमीन उतनी ही है लेकिन लोग बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए.
ये भी पढ़ें : दशहरे पर बोले मोहन भागवत- अल्पसंख्यकों को कोई खतरा नहीं, संघ आपसी भाईचारे और शांति के लिए प्रतिबद्ध
विजयदशमी पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमें विचार करना होगा कि भारत 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को भोजन उपलब्ध करा सकता है. इसलिए जनसंख्या की एक समग्र नीति बनाई जानी चाहिए, जो सब पर समान रूप से लागू हो. उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन भौगोलिक सीमाओं में बदलाव की वजह बनती है.
दिल्ली के लोगों का कहना है कि इस पर कोई भी राजनीति नहीं होनी चाहिए. सभी पार्टियों का एक मत होना चाहिए. जनसंख्या नियंत्रण कानून सभी वर्ग सभी समुदाय हर जाति के लिए है. मोहन भागवत की बातें बिल्कुल सही है. हम उनका समर्थन करते हैं.