नई दिल्ली : दिल्ली में इस साल यमुना किनारे घाटों पर छठ मनाने पर राेक (Ban on celebrating Chhath in Yamuna) लगा दी गयी है. यानी कि श्रद्धालु यमुना में अर्घ्य नहीं दे सकेंगे, जो लोग जमुना में हर साल छठ पर्व (chhath puja) के माैके पर पूजा अर्चना के लिए पहुंचते थे, उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. खासतौर पर उन लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत हाे सकती है, जो फ्लैटों में रहते हैं.
फ्लैट में रहने वाले लोगों के पास न तो अपनी जमीन होती है और न ही अपनी छत, जहां वे लोग छठ (chhath puja) मना सकें. छठ की पूजा में डूबते हुए और उगते हुए सूरज को अर्घ्य देना होता है. यमुना में इस बार तैयारियां नहीं की गईं. ईटीवी भारत की टीम ने कुछ ऐसे ही परिवार से बातचीत की जो दिल्ली के फ्लैटों में रहते हैं. बुराड़ी इलाके के चंदन विहार में रहने वाले दिलीप पाठक और उनका परिवार हर साल यमुना घाट पर छठ (chhath puja) मनाने के लिए जाता था.
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इस साल उनका परिवार इस बात को लेकर असमंजस में था कि आखिरकार छठ की पूजा अर्चना (chhath 2021) कहां करेंगे. उनके पास भी न तो छत है न ही जमीन. ऐसे में आदर्श नगर इलाके में उनके बड़े भाई का घर है, जहां पर दिलीप पाठक अपने पूरे परिवार के साथ चले गए हैं और अब वहीं पर अपने बड़े भाई के घर की छत पर वह छठी मैया की पूजा करेंगे. उन्होंने माना कि जिनके पास अपनी छत, अपनी जमीन नहीं है उन लोगों के लिए समस्या गंभीर है.
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लोगों ने यह भी मांग की कि अगर यमुना में पूजा की परमिशन नहीं (No permission for chhath in Yamuna) दी गई तो हर कॉलोनी में दो-दो घाट बनाने चाहिए थे, जिससे हर व्यक्ति अपने घर के आस-पास ही विधि-विधान से साफ-सुथरे तरीके से कोविड-19 से बचते हुए छठी मैया की पूजा कर सके. अब यमुना में जाने वाली भीड़ इलाके के घाटों में जाएगी, जहां भीड़ बहुत ज्यादा होगी और कोरोना वायरस खतरा भी कई गुना बढ़ जाएगा.