नई दिल्ली : पोस्ट-कोविड 19 सिंड्रोम (पीसीएस) या लॉन्ग कोविड उन मरीजों के स्वास्थ्य लाभ में सबसे बड़ी अड़चन बनकर उभरा है, जो सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) से संक्रमित थे. कोविड मरीजों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाले लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, खांसी और सांस फूलना, थकान आदि प्रमुख हैं.
क्लीनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि जिन टाइप-2 डायबिटीज (T2D) को कोविड-19 हो चुका है, उनमें कोविड-19 से प्रभावित नहीं होने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा थकान हावी रहती है. पद्मश्री से सम्मानित डॉ. अनूप मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष एवं निदेशक, डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी, फोर्टिस सी-डॉक की संकल्पना पर आधारित है.
इस अध्ययन के नतीजों से यह पता चला है कि डायबिटीज के कारण कोविड-19 की स्थिति ज्यादा जटिल हो जाती है और इससे मरीज में अत्यधिक रुग्णता और यहां तक कि मृत्यु की स्थिति भी बन सकती है. इसके अलावा, मधुमेह के चलते, विभिन्न पैथोफिजियोलॉजिकल प्रणालियों के जरिए पीसीएस पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा, मधुमेह के कारण मरीज़ों की स्वास्थ्य लाभ की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है. यह दुनियाभर में अपनी किस्म का पहला अध्ययन है.
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दो समूहों पर किया गया अध्ययन
जिन मरीजों का अध्ययन किया गया, उनमें 52 टाइप-2 डायबिटीज मरीज थे, जिन्हें कोविड (माइल्ड से मॉडरेट) हो चुका था, 56 टाइप-2 डायबिटीज मरीज ऐसे थे, जिन्हें कोविड नहीं हुआ था. दोनों समूहों में शामिल मरीजों की उम्र, मधुमेह की अवधि, बीएमआई, टीएसएच, सीरम एल्बुमिन तथा विटामिन डी लैवल्स लगभग एक समान थे. यह मरीजों में थकान पैदा करने वाले संभावित कारकों, 25(OH)D, सीरम एल्बुमिन और टीएसएच लैवल्स का पता लगाने में मददगार साबित हुआ. कोविड से उबरने के बाद औसतन 92 (32 से 262 दिन) दिनों में मरीजों में ये लक्षण दिखायी दिए. लक्षणों को Chalder Fatigue Scale तथा हैंडग्रिप स्ट्रैंथ की मदद से जमार हाइड्रोलिक हैंड डायनमोमीटर से नापा गया.
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कोविड से उबरने वाले में थकान एक बड़ा लक्षण
फोर्टिस सी-डॉक के कार्यकारी अध्यक्ष एवं निदेशक, डायबिटीज़ एंड एंडोक्राइनोलॉजी पद्म श्री से सम्मानित डॉ. अनूप मिश्रा ने बताया कि थकान एक ऐसा लक्षण है जो काफी प्रमुखता से कोविड-19 ग्रस्त होने के बाद, अस्पताल में भर्ती हुए या घर पर ही रहकर स्वास्थ्य लाभ करने वाले मरीजों में दिखायी दिया है. थकान तथा अन्य संबंधित लक्षणों के चलते जीवन की गुणवत्ता कम होती है और सामान्य कामकाज की क्षमता भी इससे प्रभावित होती है.
पहली बार कोविड एवं मधुमेह को लेकर संयुक्त अध्ययन
यह पहली बार है कि इस प्रकार का संयुक्त अध्ययन फोर्टिस सी-डॉक, एम्स, सी-नेट, एन-डॉक तथा डायबिटीज़ फाउंडेशन द्वारा कराया गया है. इसके आधार पर कोविड-19 के उपरांत मधुमेह संबंधी जटिलताओं का खुलासा हुआ है. साथ ही यह भी पता चला है कि मधुमेह से मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की प्रक्रिया प्रभावित हुई है. लिहाजा यह जरूरी है कि क्रोनिक डायबिटीज मरीज स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. इलाज संबंधी निर्देशों का पालन करें और साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच भी करवाएं.