नई दिल्ली : राजधानी में बंदरो का भय कोई नई बात नहीं है. एक बार फिर दिल्ली में बंदरों का आतंक बढ़ गया है. जिसकी वजह से दिल्ली वालों को काफी परेशानी का समना करना पड़ रहा है. वहीं बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. देखा जाए तो नगर निगम की डीएमसी एक्ट 1972 के तहत दिल्ली में बंदर पकड़ने की जिम्मेदारी फॉरेस्ट विभाग की है. जो दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती है.
इस साल नॉर्थ एमसीडी ने अपने क्षेत्र में महज 59 बंदरों को और ईस्ट एमसीडी ने अपने क्षेत्र में 45 मंदिरों को पकड़कर वन्य विभाग को सौंपा है. नगर निगम ने बीते दो सालों में कुल 336 बंदरों को पकड़कर उन्हें वन्य विभाग को सौंपा है. साल 2018 में नगर निगम के पास बंदरों के काटने की 950 शिकायतें अस्पतालों में आई थी. वहीं 2019 में इन आकड़ो में इजाफा हुवा था.
बंदरों का कहर संसद मार्ग पर भी देखने को मिला. बंदरों का कहर इस कदर है कि आने-जाने वाले राहगीरों तक को दिक्कत हो रही है. लोगों के हाथों से पाँलीथीन हो या अन्य खाने का सामान बंदर छीनकर ले जाते हुए नजर आए. बंदरों के शहरों में आने का कारण जंगलों का दिन पर दिन कम हो जाना तो है ही, वहीं लोगों में जागरूकता के अभाव के कारण लोग बंदरों को खुद फल खिलाते है जिसके कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास पहाड़ियों के आस-पास बंदर झुण्ड के झुण्ड बैठे दिखाई देते है. विशेषज्ञो की माने तो बंदरो के काटने पर रैबीज का इंजेक्शन लगवाये. ताकि इन्फेक्शन ना फैल सकें.
इस साल की एक और बात है जब दिल्ली के IGI एयरपोर्ट के VIP लाउंज में एक बंदर घुस आया था. जिसका वीडियो इंटरनेट पर भी वायरल हुआ था. बंदर को हवाई अड्डे के प्रीमियम प्लाजा लाउंज के बार काउंटर पर रियल फ्रूट जूस पीते देखा गया था. जबकि हवाई अड्डे पर यात्रियों ने बंदर के वीडियो शूट किया.
बंदरो के इन खबरों में क्या आपको दिल्ली का Monkey Man याद आया. कुछ साल पुरानी ही बात है, जब एक अफवाह फैली थी कि दिल्ली में आया है एक मंकी मैन. उसके खौफ में कई जाने चली गईं थीं. एक बार फिर दिल्ली में बंदरों का खौफ बढ़ गया है.
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साल 2001 की बात है जब दिल्ली के आम और खास लोगों में मंकीमैन का खौफ था. कुछ लोगों पर मंकीमैन ने हमला भी किया था. काले बंदर के नाम से भी मशहूर वह बंदर लोगों की मौत का कारण बन रखा था. कुछ लोगों ने तो अपने शरीर पर मंकीमैन के पंजे के निशान तक दिखाए थे. उस वक्त कुछ लोगों ने ये दावा किया था कि उन्होंने मंकीमैन को देखा है.
उस दौरान मंकीमैन की लंबाइ चार फीट बताई जा रही थी. इसके साथ ही ये भी बताया जा रहा था कि उसके बदन पर काले घने बाल है और चेहरा हेलमेट से ढंका हुआ. कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा था कि मंकी मैन के हाथ पर मेटल के पंजे लगे थे. कुछ लोगों का दावा था कि काला बंदर मेटल के पंजे से लोगों पर हमले करता था. वहीं शिकायतें बढ़ने पर जांच की गई तो पीड़ितों के शरीर पर नाखून से खरोंच के निशान भी मिले थे. पुलिस की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामाने आए. जिसमें पता चला कि ऐसा कोई जानवर या शख्स था ही नहीं. दरअसल ये लोगों की सॉइकोलॉजिकल क्रिएशन(Psychological creation) थी. इसको लोगों के दिमाग की उपज भी कह सकते है. ये मामला इतना प्रसिद्ध हुआ कि इस विषय पर बॉलीवुड फिल्म 'दिल्ली-6' भी बनी. जिसमें अभिषेक बच्चन और सोनम कपूर अहम किरदार में थे. दिल्ली के यमुनापार इलाके में मंकीमैन की घटना सबसे पहले सामने आई थी. ये देखते ही देखते दिल्ली के शालीमार बाग, साहिबाबाद, ओखला, मोदी नगर, संगम विहार जैसे इलाकों में भी फैल गई. कहा जाता है कि वह लोगों की छतों से कूदता हुआ आता था और लोगों पर हमला कर वैसे ही भाग वापस चला जाता था. हैरानी की बात है कि यह घटना अपने आप ही फैलनी बंद हो गई थी. मंकीमैन के अस्त्तिव का उत्तर तो नहीं मिल पाया लेकिन दुनिया को मंकीमैन के नाम से एक किरदार जरूर मिल गया.
नोएडा में भी सन् 2001 में तथाकथित नकाबपोश बंदर का आतंक फैल रखा था. इस आतंक के चलते नोएडा में 16 लोग जख्मी भी हुए थे. जिसमें दादरी में बंदर के हमले से नाराज लोगों ने दो घंटे तक यातायात जाम किया था. नोएडा पुलिस ने एक संदिग्धतांत्रिक को हिरासत में भी लिया था. पुलिस की जानकारी के मुताबिक सेक्टर-9 की झुग्गी बस्ती में रात में लगभग 2.30 बजे किसी अज्ञात साए ने एक महिला पर हमला किया था. जिसमें महिला को चोट भी आई थी. वहीं एक दूसरे इलाके में नकाबपोश बंदर के आने से सो रहे करीब डेढ़ सौ लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी. जिससे एक गंभीर रूप से घायल हो गया था.
ये आपकी और हमारी जिम्मेदारी है कि इस बार कोई अफवाह न फैले क्योंकि दिल्ली में बंदरों के हमले और काट खाने की तमाम खबरें आ रही हैं.
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