ETV Bharat / city

उमर खालिद के खिलाफ शरजील का परिचय योगेन्द्र यादव से कराने का कोई सबूत नहीं

author img

By

Published : Feb 18, 2022, 7:26 PM IST

कड़कड़डूमा कोर्ट में उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदिप पायस ने कहा कि अभियोजन के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उमर खालिद ने शरजील इमाम का परिचय योगेन्द्र यादव से कराया था. त्रिदिप पायस ने कहा कि चार्जशीट बिना किसी आधार के नहीं दाखिल की जा सकती है. इस मामले में पूरक चार्जशीट में आरोप बिना तथ्यों के लगाए गए हैं.

no-evidence-against-umar-khalid-to-introduce-sharjeel-to-yogendra-yadav
no-evidence-against-umar-khalid-to-introduce-sharjeel-to-yogendra-yadav

नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर कल यानी 19 फरवरी को भी सुनवाई जारी रखेगी. आज उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदिप पायस ने कहा कि अभियोजन के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उमर खालिद ने शरजील इमाम का परिचय योगेन्द्र यादव से कराया था.


त्रिदिप पायस ने कहा कि चार्जशीट बिना किसी आधार के नहीं दाखिल की जा सकती है. इस मामले में पूरक चार्जशीट में आरोप बिना तथ्यों के लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि चार्जशीट में कहा गया है कि उमर खालिद बैठक में मौजूद था. बैठक में मौजूद होने में अपराध क्या है. बैठक में शामिल कई दूसरे लोग आरोपी नहीं हैं. बैठक में बैठे दो ही लोग हिरासत में क्यों लिए गए हैं. बाकी क्यों नहीं लिए गए.


पायस ने कहा कि चार्जशीट में कहा गया है कि उमर खालिद ने 10 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, लेकिन क्या प्रदर्शन में शामिल होना अपराध है. उन्होंने कहा कि उमर खालिद के खिलाफ हिंसा करने के कोई सबूत नहीं हैं. जांच जारी रहना हर प्रश्न का उत्तर नहीं है. उन्होंने कहा कि चुप्पी की साजिश का आरोप गलत है. अभियोजन के लिए ये काफी आसान है कि जब दो, तीन और दस लोग व्हाट्स ऐप पर एक ही भाषा बोलें तो आप कुछ के खिलाफ आरोप लगाएंगे और कुछ के खिलाफ नहीं. क्योंकि वो आपकी दलील के मुताबिक है.


3 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद समेत दूसरे आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में टेरर फंडिंग हुई थी. स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने काला धन को सफेद करने का काम किया.


अमित प्रसाद ने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हुई. इस मामले में 755 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. इसमें गोली चलने की 13 घटनाएं घटीं. दूसरी वजहों से 6 मौतें दर्ज की गईं. इस दौरान 581 एमएलसी दर्ज किए गए. इस हिंसा में 108 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. इस हिंसा से जुड़े करीब 2400 लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में किसी भी साजिशकर्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ. अगर किसी का नुकसान हुआ तो वो आम लोग थे.


2 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि प्रदर्शन स्थलों पर हिंसा की योजना बनाई गई. जिससे आंदोलनों में जुटे स्थानीय लोगों का कोई लेना-देना नहीं था. सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा था कि प्रदर्शन स्थलों पर बाहर से आए लोगों ने हिंसा की योजना को अंजाम दिया. अब ये स्थानीय लोग अभियोजन की मदद कर रहे हैं. अमित प्रसाद ने कहा था कि हिंसा शुरू होने के बाद चुप्पी की साजिश देखी गई. अमित प्रसाद ने कहा था कि 22 फरवरी 2020 को हिंसा शुरू नहीं हुई थी.

इसे भी पढ़ें : बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर एम्स में भर्ती, सांस और बीपी की है समस्या

उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था. 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.