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एनजीटी ने गाजियाबाद नगर निगम और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लगाई फटकार, जानिए पूरा मामला

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Published : Jan 29, 2022, 10:39 PM IST

एनजीटी के आदेश के बावजूद चिरंजीव विहार में अवैध रुप से 14 डेयरियां चल रही हैं. याचिकाकर्ता की बातों पर गौर करते हुए एनजीटी ने 8 सितंबर 2021 को गाजियाबाद नगर निगम और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वाले डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

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नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने गाजियाबाद के चिरंजीव विहार में अवैध रुप से चल रही डेयरियों पर कार्रवाई नहीं करने पर गाजियाबाद नगर निगम और उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाई है. एनजीटी के जुडिशियल मेंबर जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने गाजियाबाद नगर निगम, गाजियाबाद के सिटी हेल्थ अफसर और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से दो दिनों के अंदर जवाब तलब किया है.

दरअसल, याचिकाकर्ता वेदप्रकाश गोयल ने एनजीटी से कहा कि उसके 8 अक्टूबर 2020 के आदेश का पालन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश के बावजूद चिरंजीव विहार में अवैध रुप से 14 डेयरियां चल रही हैं. याचिकाकर्ता की बातों पर गौर करते हुए एनजीटी ने 8 सितंबर 2021 को गाजियाबाद नगर निगम और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वाले डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

एनजीटी के आदेश के बाद गाजियाबाद नगर निगम ने 8 दिसंबर 2021 को अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि कवि नगर के क्षेत्रीय सफाई अधिकारी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने इलाके का निरीक्षण कर पाया कि एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है. इस पर कार्रवाई करते हुए कवि नगर के सफाई नायक ने कवि नगर थाने के एसएचओ को निर्देश दिया कि वो एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करनेवाले डेयरियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें. एफआईआर दर्ज नहीं होने पर 4 दिसंबर 2021 को कवि नगर के क्षेत्रीय सफाई अधिकारी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने के लिए एसएचओ को दोबारा पत्र लिखा. पत्र में एनजीटी एक्ट की धारा 31ए के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा गया.

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सुनवाई के दौरान गाजियाबाद नगर निगम ने कहा कि उत्तरप्रदेश के शासकीय आदेश के मुताबिक अगर रिहायशी इलाके में अतिक्रमण किया जा रहा है तो कार्रवाई विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद करेगी. तब एनजीटी ने प्रदूषण को रोकने के लिए गाजियाबाद नगर निगम के पास अधिकार मौजूद हैं, तो इसका कोई जवाब गाजियाबाद नगर निगम की ओर से नहीं मिला. तब गाजियाबाद के सिटी हेल्थ अफसर मिथिलेश कुमार ने कहा कि वे 48 घंटे के अंदर कार्रवाई करेंगे. तब एनजीटी ने दो दिनों का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी को करने का आदेश दिया. एनजीटी ने गाजियाबाद नगर निगम और उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश की ताजा अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

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