नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली मेट्रो को फेज 4 के लिए यमुना के जलग्रहण क्षेत्र पर पुल बनाने की अनुमति दे दी है. एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली मेट्रो के इस प्रोजेक्ट को लेकर गठित प्रिंसिपल कमिटी की अनुशंसा पर यह आदेश दिया है. कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी जा सकती है.
'जरूरी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा'
एनजीटी ने कहा कि दिल्ली मेट्रो को जरुरी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, साथ ही कहा कि यमुना और इसके जलग्रहण क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मेट्रो के विस्तार से होने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करना जरूरी होगा.
यह भविष्य की गतिविधियों के प्रभाव को कम करने के जरूरी उपाय भी बताएगा. एनजीटी ने कहा कि प्रिंसिपल कमेटी आर्टिफिशियल वेटलैंड और बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने और अन्य उपायों पर भी विचार कर सकती है.
'जलग्रहण क्षेत्र पर कम से कम प्रभाव पड़े'
प्रिंसिपल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि डीएमआरसी सभी तरह का निर्माण कर सकती है. लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे जलग्रहण क्षेत्र पर कम से कम प्रभाव पड़े.
कमेटी ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो को इस प्रोजेक्ट के लिए काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति भी करनी होगी. इसके अलावा मलबों और कचरों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए.