ETV Bharat / city

Alt News के संस्थापक मोहम्मद जुबैर को नहीं मिली राहत

author img

By

Published : Jul 1, 2022, 5:35 PM IST

mohammad zubair
mohammad zubair

धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोपी मोहम्मद जुबैद को दिल्ली हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई दी है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार और फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट Alt news के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की पुलिस हिरासत के खिलाफ दायर याचिका पर फिलहाल कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला की वेकेशन बेंच ने दिल्ली पुलिस को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.


सुनवाई के दौरान जुबैर की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का आदेश गलत है. उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल का पुलिस थाना लोदी कॉलोनी है. IFSO की भूमिका साइबर क्राइम से जुड़ी हुई है. इस मामले में जरूरी पक्षकार दिल्ली सरकार है. उन्होंने कहा कि जिस ट्वीट को लेकर गिरफ्तारी हुई है, वो 2018 का है. इसकी कानूनी सीमा खत्म हो चुकी है. कोई भी कोर्ट इस पर संज्ञान नहीं ले सकता है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस हिरासत कल खत्म हो रही है. आप ट्रायल कोर्ट में बातें क्यों नहीं रख रही हैं. तब ग्रोवर ने कहा कि ये एक कानूनी सवाल है. व्यक्तिगत स्वतंत्रता खतरे में है. क्या इसमें हिरासत की जरूरत है. क्या लैपटॉप और मोबाइल जब्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त करना एक पैटर्न बन गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से काम नहीं कर रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से काम नहीं कर रही है.


ग्रोवर ने कहा कि जुबैर का पहला फोन गुम हो गया, लेकिन उसका वर्तमान फोन जब्त कर लिया गया. कोर्ट का हिरासत में भेजने का आदेश निजता के अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अरनेश कुमार मामले में गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशानिर्देश का उल्लंघन किया गया है. तब कोर्ट ने कहा कि सब कुछ गुण-दोष पर आधारित है. रिमांड कल खत्म हो रही है. इसीलिए मैं कह रहा हूं कि ट्रायल कोर्ट इस पर फैसला करेगी. इस पर ग्रोवर ने कहा कि तब नोटिस जारी किया जाए. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहां तक लैपटॉप का सवाल है, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इतनी उत्तेजना क्यों है. तब ग्रोवर ने कहा कि ये निजता के अधिकार का मामला है. सरकार को किसी की डिवाइस देखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. तब मेहता ने कहा कि FIR केवल प्रक्रिया की शुरुआत है. जांच एजेंसी तय करेगी कि क्या गंभीरता है. कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पुलिस पक्षपातपूर्ण तरीके से काम नहीं कर रही है.

बता दें कि 28 जून को पटियाला हाउस कोर्ट ने जुबैर की पुलिस हिरासत चार (police custody of mohammad jubair) दिनों के लिए बढ़ा दी थी. जुबैर को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था. जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक, जुबैर को 27 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के बाद 27 जून की शाम को जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके बाद रात में ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बुराड़ी स्थित आवास पर पेश किया गया था, जहां ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.