नई दिल्ली: एक तरफ जहां दिल्ली सरकार ऑनलाइन एजुकेशन को प्रमोट करने के लिए तरह तरह के प्रयोग करने में लगी है. वहीं मिशन एजुकेशन नाम की संस्था ने ऑनलाइन एजुकेशन पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए इसे प्राइमरी क्लास के बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया है. साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन की वजह से मासूम बच्चों की आंखों की रौशनी कमजोर होने के भी दावे किए हैं. इस बाबत मिशन एजुकेशन की तरफ से करीब तीन हजार परिवारों के बच्चों पर सर्वे किया गया, जिसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई है जिसे दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा.
किया गया सर्वे
मिशन एज्युकेशन की सलाहकार समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष हाजी जहूर अहमद के कार्यालय पर हुई. मुश्ताक बेग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष शफी देहलवी ने कोविड 19 के दौरान पिछले छह महीने में मिशन एजुकेशन द्वारा दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों जाफराबाद, ओखला, इन्द्र लोक फराशखाना कलां महल, तिलक बाजार, लक्ष्मी नगर वजीराबाद, हवेली आजम खान चूड़ीवालान, तुर्कमान गेट, गली शंकर, छत्ताजाम बेग, धोबी घाट, तकिया काले खां, माता सुंदरी रोड आदि के लगभग 3000 घरों तक पहुंच कर स्टूडेंट्स के माता-पिता और शिक्षकों से शिक्षा के विषय पर सीधे वार्तालाप किया.
ऑनलाइन शिक्षा से उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा
इस सर्वेक्षण में स्कूल बंद होने और ऑनलाइन शिक्षा से उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा हुई. इस सर्वेक्षण में सबसे गंभीर निष्कर्ष यह निकला कि ऑनलाइन एजुकेशन से प्राईमरी में पढ़ने वाले बच्चों की आंखों की रोशनी खराब हो रही है. दूसरे प्राईमरी कक्षा के छात्रों की मानसिक स्थिति सेकेंडरी में पढ़ने वाले छात्रों से भिन्न होती है. वह ऑनलाइन शिक्षा को गंभीरता से नहीं लेते उनके शिक्षकों का मानना है कि स्कूल बंद होने के कारण प्राईमरी कक्षा के बच्चों की शिक्षा बर्बाद हो रही है.
'ऑनलाइन शिक्षा गंभीरता से नहीं ली जा रही'
उधर सर्वाधिक छात्रों के पास मोबाइल फोन नहीं है अथवा अधिकतर क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है और बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा को गंभीरता से न लेकर लापरवाह हो रहे हैं. इसलिए किसी भी शर्त पर प्राईमरी स्कूल खुलने चाहिए. बच्चों को घर बैठे आर्थिक सहायता देने से वह शिक्षित नहीं बन सकते. प्राईमरी शिक्षा की बरबादी से हाई स्कूल की एजुकेशन भी आम गरीबों के लिए समाप्त हो जायगी और दूसरी ओर शिक्षा का कारोबार करने वालों को इससे बढ़ावा मिलेगा जो देश की आम जनता के नागरिक अधिकारों का हनन है.
दिल्ली सरकार को दी जाएगी सर्वेक्षण रिपोर्ट
मिशन एज्युकेशन ने फैसला किया है कि इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को जल्द ही दिल्ली सरकार और संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा. मिशन एजुकेशन ने फैसला किया है कि प्राईमरी स्तर पर शिक्षा की बेस मजबूत करने के लिए मिशन से वैचारिक रूप से सहमत नागरिकों के सहयोग से अधिक संख्या में स्कूल खोलने की योजना बनाई जाएगी.
बैठक में कई गणमान्य लोग रहे मौजूद
इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष शफी देहलवी, सलाह कार समिति के अध्यक्ष हाजी जहूर अहमद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुश्ताक बेग, महासचिव हसनैन अख्तर मन्सूरी, राष्ट्रीय सचिव अब्दुल नईम, डिस्पलेनरी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल रहमान शास्त्री, दिल्ली के उपाध्यक्ष असद मियां और मास्टर आरिफ साहिब ने अपने विचार रखे.