नई दिल्ली: बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आजकल पेरेंट टीचर मीटिंग चल रही है. 19 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले इन पेरेंट मीटिंग में अब तक 5 लाख से ज्यादा बच्चे और अभिभावक शामिल हो चुके हैं. यह बड़ी सफलता है.
पीटीएम के दौरान मैंने भी कई स्कूलों का दौरा किया. अभिभावकों में इसे लेकर जिज्ञासा है कि स्कूल कब खुलेंगे. अभिभावक चाहते हैं कि स्कूल खुले, लेकिन उनके मन में कोरोना से बच्चों की सुरक्षा का सवाल है. कई ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली, लेकिन कॉलेज का कैम्पस अब तक नहीं देखा, वे भी चाहते हैं कि कॉलेज खोले जाएं.
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आसपास के राज्यों में स्कूल, कॉलेज खोले जाने लगे हैं. इसके बाद दिल्ली के अभिभावकों की भी इसे लेकर जिज्ञासा बढ़ गई है. इससे पहले कि सरकार कोई निर्णय ले, मैं दिल्ली के स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों से यह पूछना चाहता हूं कि क्या अब हमें स्कूल और कॉलेज खोल देने चाहिए.
दिल्ली में कोरोना के केस कम हो रहे हैं. हर दिन 70-75 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं, जिनमें 50-60 नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में हम कह सकते हैं कि कोरोना काफी नियंत्रण में है. इसे देखते हुए और बाकी राज्यों के अनुभव को देखते हुए क्या हमें स्कूल और कॉलेज खोलने चाहिए, और कैसे खोलने चाहिए इस पर हम बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों की राय जानना चाहते हैं.
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि delhischools21@gmail.com पर लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं. इसके साथ, अपना नाम, बच्चे की डिटेल और स्कूल की जानकारी देनी होगी. इसके साथ स्कूल खोलने को लेकर उचित सुझाव भी दें. अपने सुझाव को कम से कम 100 शब्दों में लिखकर दिए गए मेल आईडी पर भेजें. इन सुझावों के आधार पर सरकार की डिसीजन मेकिंग बॉडीज से विचार कर हम निर्णय करेंगे.