नई दिल्ली: मुथूट फिनकॉर्प में हुई लूट के मामले में 4 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने कई महीने से इस वारदात की साजिश रची थी. पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन कट्टे, कारतूस, खिलौना पिस्तौल और दो बाइक बरामद की है. वारदात में मैनेजर की सूझबूझ के चलते बदमाश सोना लूटने में नाकाम रहे थे.
डीसीपी राजेश देव के अनुसार बीते 5 जुलाई को प्रीत विहार थाना इलाके में चार हथियारबंद बदमाश मुथूट फिनकॉर्प की शाखा में दाखिल हुए और 56000 लूट लिए. उन्होंने वहां रखे हुए सोने के गहने लूटने की भी कोशिश की. इसकी चाबी उन्होंने कर्मचारी पर हमला कर छीन ली थी. लेकिन ब्रांच के मैनेजर ने सिक्योरिटी रिमोट दबा दिया. इसकी वजह से सिक्योरिटी अलार्म बज गए और बदमाशों को वहां से भागना पड़ा. इस दौरान बदमाशों ने दो कर्मचारियों को भी चोट पहुंचाई. इसे लेकर प्रीत विहार थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की जांच कई टीम कर रही थी.
आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस बीते 7 जुलाई को क्राइम ब्रांच में तैनात हवलदार योगेंद्र को सूचना मिली कि इस वारदात के पीछे शामिल बदमाश बारापूला के रास्ते एम्स आएंगे. इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल के एसीपी सुशील कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर अमित प्रकाश और एसआई मनोज की टीम बनाई गई. पुलिस टीम ने बारापुला पर ट्रैप लगाया और शाम के समय मुखबिर की निशानदेही पर बाइक सवार दो युवकों को पकड़ लिया. पूछताछ के दौरान इनकी पहचान आमिर और तालिब के रूप में की गई. दोनों आरोपी मेरठ के रहने वाले थे. आमिर की तलाशी में एक देसी कट्टा और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए जबकि तालिब के पास से भी एक कट्टा और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए. इनके पास मौजूद बाइक हरियाणा के पलवल से 12 जनवरी को चोरी की गई थी.पूछताछ के दौरान आरोपियों ने मुथूट फिनकॉर्प पर हुई लूट में शामिल होने की बात कबूल कर ली. उन्होंने पुलिस को बताया कि इसका मास्टरमाइंड सिराजुद्दीन उर्फ सिराज है जो खुरेजी खास का रहने वाला है. उसने ही पूरी साजिश रची थी और उन्हें हथियार मुहैया कराए थे. उसके अलावा मथुरा का रहने वाला प्रवेश भी इस वारदात में शामिल था. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर सिराजुद्दीन और प्रवेश को भी गिरफ्तार कर लिया. सिराजुद्दीन के पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए. वहीं एक अन्य बाइक और खिलौना पिस्तौल उनके पास से बरामद हुआ जो प्रवेश ने इस्तेमाल किया था. गिरफ्तार किया गया आमिर पहले ड्राइवर की नौकरी करता था. वह छोटे-मोटे अपराधों में शामिल रहा है और पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुका है. वह 5 दिन पहले ही जेल से छूटकर आया था. दूसरा आरोपी तालिब मजदूरी करता है. वह विदेश जाकर काम करना चाहता था. इसके लिए उसने सिराजुद्दीन से संपर्क किया और इस वारदात में शामिल हो गया. तीसरा आरोपी सिराजुद्दीन मुख्य साजिशकर्ता है. वह बकरी का दूध बेच कर अपने परिवार का गुजारा करता था. जल्दी रुपए कमाने के लिए उसने इस वारदात की साजिश रची. वह बीते 6 महीने से साजिश रचते हुए बैंक की रेकी भी कर रहा था. चौथा आरोपी रितेश कुमार उर्फ प्रवेश जेल में सिराजुद्दीन से मिला था जिसके बाद उन्होंने इस वारदात को अंजाम देने की साजिश रची. आमिर के खिलाफ 11 अपराधिक मामले दर्ज हैं. तालिब के खिलाफ 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं. सिराजुद्दीन के खिलाफ 2 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इसे भी पढे़ं: मुत्थूट फिनकॉर्प कंपनी के ब्रांच में लूट, मैनेजर ने इमरजेंसी बटन दबा कर बचाया लॉकर
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप