नई दिल्ली : प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज बैंक में रखकर एक कारोबारी ने दो करोड़ रुपये का लोन ले लिया. किश्त चुकाना उसने बंद किया तो फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. इस मामले में 6 साल बाद फरार चल रहे आरोपी अजय अरोड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पांच मामलों में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था.
डीसीपी मोहम्मद अली के अनुसार, फतेहपुरी स्थित करूर वैश्य बैंक के सीनियर मैनेजर अनंत की तरफ से जालसाजी की एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने बताया कि मॉडल टाउन स्थित प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर अजय अरोड़ा ने उनके बैंक से दो करोड़ रुपये का लोन लिया था. मई 2003 में बनी इस प्रॉपर्टी की सेल डीड को बैंक में गिरवी रखा गया था. श्रीराम अग्रवाल ने सूर्य कंस्ट्रक्शन के नाम पर इसे रजिस्टर्ड किया था. यह लोन लेने के बाद अजय अरोड़ा ने रकम नहीं चुकाई जो बढ़कर 2.17 करोड़ रुपये हो गई थी.
प्राथमिक जांच शुरू की गई तो पता चला कि यह प्रॉपर्टी पहले से गिरवी है. उसकी सेल डीड फर्जी है. इसे लेकर 2015 में FIR दर्ज की गई थी. छानबीन के दौरान पता चला कि अजय अरोड़ा फरार चल रहा है. मार्च 2017 में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. हाल ही में आर्थिक अपराध शाखा को पता चला कि बीते 6 जनवरी को CBI ने उसे गिरफ्तार किया है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ की गई ठगी के मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई है. वह जेल में बंद है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
पूछताछ के दौरान पता चला कि वह रूप नगर का रहने वाला है. SBI ने उसकी प्रॉपर्टी पर रकम नहीं चुकाने के चलते कब्जा किया था. वह 2016 में गुरुग्राम चला गया था. वहां पर सिहोरा इलाके में वह रहता था. अदालत ने उसे 5 मामलों में भगोड़ा घोषित कर रखा था. यह मामले रूपनगर थाने और CBI में दर्ज हैं. वह बीए प्रथम वर्ष तक खालसा कॉलेज से पढ़ा हुआ है. उसने वर्ष 1990 में कारोबार शुरू किया था, लेकिन बाद में फर्जीवाड़ा करने लगा.
दो करोड़ के लोन फ्रॉड में पकड़ा गया आरोपी, पांच साल से थी तलाश
पहले से गिरवी प्रॉपर्टी की बनवाई सेल डीड. फिर बैंक से ले लिया दो करोड़ रुपये का लोन. छह साल से फरार आरोपी को अब पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली : प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज बैंक में रखकर एक कारोबारी ने दो करोड़ रुपये का लोन ले लिया. किश्त चुकाना उसने बंद किया तो फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. इस मामले में 6 साल बाद फरार चल रहे आरोपी अजय अरोड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पांच मामलों में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था.
डीसीपी मोहम्मद अली के अनुसार, फतेहपुरी स्थित करूर वैश्य बैंक के सीनियर मैनेजर अनंत की तरफ से जालसाजी की एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने बताया कि मॉडल टाउन स्थित प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर अजय अरोड़ा ने उनके बैंक से दो करोड़ रुपये का लोन लिया था. मई 2003 में बनी इस प्रॉपर्टी की सेल डीड को बैंक में गिरवी रखा गया था. श्रीराम अग्रवाल ने सूर्य कंस्ट्रक्शन के नाम पर इसे रजिस्टर्ड किया था. यह लोन लेने के बाद अजय अरोड़ा ने रकम नहीं चुकाई जो बढ़कर 2.17 करोड़ रुपये हो गई थी.
प्राथमिक जांच शुरू की गई तो पता चला कि यह प्रॉपर्टी पहले से गिरवी है. उसकी सेल डीड फर्जी है. इसे लेकर 2015 में FIR दर्ज की गई थी. छानबीन के दौरान पता चला कि अजय अरोड़ा फरार चल रहा है. मार्च 2017 में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. हाल ही में आर्थिक अपराध शाखा को पता चला कि बीते 6 जनवरी को CBI ने उसे गिरफ्तार किया है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र के साथ की गई ठगी के मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई है. वह जेल में बंद है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
पूछताछ के दौरान पता चला कि वह रूप नगर का रहने वाला है. SBI ने उसकी प्रॉपर्टी पर रकम नहीं चुकाने के चलते कब्जा किया था. वह 2016 में गुरुग्राम चला गया था. वहां पर सिहोरा इलाके में वह रहता था. अदालत ने उसे 5 मामलों में भगोड़ा घोषित कर रखा था. यह मामले रूपनगर थाने और CBI में दर्ज हैं. वह बीए प्रथम वर्ष तक खालसा कॉलेज से पढ़ा हुआ है. उसने वर्ष 1990 में कारोबार शुरू किया था, लेकिन बाद में फर्जीवाड़ा करने लगा.