नई दिल्ली : उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा रखे गए लीगल कंसलटेंट पर किस तरह से दिल्ली पुलिस की मदद कर रहे हैं, अब इसकी समीक्षा की जाएगी. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त को लीगल कंसलटेंट द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने इसका भी पता लगाने के लिए कहा है कि पुलिस वाले लीगल कंसलटेंट से कितनी मदद ले रहे हैं.
जानकारी के अनुसार उत्तर पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों के बाद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने लीगल कंसलटेंट रखे थे. दिल्ली पुलिस ने इनसे ना केवल दंगे के आरोप पत्र तैयार करने में मदद ली थी बल्कि लोकल थानों द्वारा तैयार किए जा रहे आरोप पत्र में भी वह मदद कर रहे हैं. अभी के समय में ऐसे लगभग 100 लीगल कंसलटेंट दिल्ली पुलिस के साथ काम कर रहे हैं. वह आरोपियों को सजा दिलवाने में एक मजबूत आरोप पत्र तैयार करते हैं और पुलिस को मदद करते हैं.
सूत्रों के अनुसार पुलिस कमिश्नर लगातार सजा की दर सुधारने पर ध्यान दे रहे हैं. कुछ ही माह पहले उन्होंने लीगल डिवीजन का गठन भी किया है. हाल ही में आयोजित बैठक में पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने लीगल कन्सल्टेंट द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी मांगी. उन्होंने अपराध शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह लीगल कंसल्टेंट द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा करें. इस बात का पता लगाया जाए कि प्रत्येक जिले में किस तरह से लीगल कंसल्टेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. किन जिलों की पुलिस को इससे लाभ मिल रहा है और किन जिलों में इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसकी समीक्षा रिपोर्ट उन्होंने जल्द उपलब्ध कराने को कहा है.
ये भी पढ़ें : कीर्ति नगर में नाैकरी दिलवाने के बहाने महिला से रेप, आराेपी गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार लीगल कंसल्टेंट के साथ समय-समय पर वह बैठक करते हैं. जिले के बड़े केस में उनसे सलाह ली जाती है. कानूनी रूप से वह केस में मदद करते हैं ताकि पुलिस की कमी का फायदा उठाकर आरोपी बच न सके. पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले समय में अपराधियों की सजा के प्रतिशत में भी सुधार आएगा.