नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद को लापता हुए चार साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में जेएनयू के नॉर्थ गेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए नॉर्थ गेट को बंद कर दिया गया था.
वहीं प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में जेएनयू के सुरक्षाकर्मी और दिल्ली पुलिस के जवान मौजूद थे. प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस बार-बार यह घोषणा कर रही थी कि कोविड-19 को देखते हुए किसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है, इसलिए सभी लोग वापस लौट जाएं. बता दें कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों और जेएनयू सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई और छात्र नॉर्थ गेट को खोलने में भी सफल रहे.
'नजीब का नहीं मिलना पुलिस और CBI की नाकामी'
वहीं जेएनयू छात्रसंघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस और सीबीआई की नाकामी है कि चार साल बीतने पर भी वह नजीब को नहीं ढूंढ पाए. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाए की जब दिल्ली में सारी सार्वजनिक चीजे खोल दी गईं हैं तो, जेएनयू को अब-तक क्यों नहीं खोला जा रहा. उन्होंने कहा कि डीयू सहित लगभग सभी शैक्षणिक संस्थान खोल दिए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली में पार्क, सिनेमा हॉल, मॉल सब खुल गए हैं तो, जेएनयू को खोलने में प्रशासन को क्या परेशानी हैं. साथ ही कहा कि जेएनयू प्रशासन को लगातार पत्र भेजने के बाद भी छात्रों को परिसर में आने नहीं दिया जा रहा है.
'नजीब को इंसाफ दिलाने के लिए कर रहे हैं प्रदर्शन'
वहीं जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि यहां छात्रों को ज्ञान देने के बजाए अगर दिल्ली पुलिस अपनी पूरी मेहनत लगाती और सीबीआई अपना पूरा दिमाग लगाती तो आज नजीब हम सबके साथ होता. आइशी ने कहा कि चार साल का लंबा वक्त निकल गया, लेकिन नजीब का कोई पता नहीं लग पाया है और छात्रसंघ का यह प्रदर्शन नजीब को इंसाफ दिलाने के लिए है. वहीं आइशी ने कैंपस परिसर के बाहर पुलिस तैनात किए जाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि जिस कोविड-19 का हवाला देकर हमें डराने की कोशिश की जा रही है उसका कोई फायदा नहीं होगा. सभी प्रदर्शनकारी कोविड-19 को लेकर जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं. बल्कि जेएनयू सुरक्षाकर्मी ही हाथों में हाथ डाले खड़े थे और सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार, सीबीआई, दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.