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ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने की तैयारी, अब फाइनेंस एंगल पर होगी जांच

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Published : Jan 11, 2022, 10:43 PM IST

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना

राजधानी में कई अपराधों के पीछे ड्रग्स एक बड़ा कारण (Drugs cause of crime in Delhi) रहा है. हाल ही में एक रात में दो कैब चालकों की जान लेने वाले आरोपियों ने भी ड्रग्स लिया था. स्मैक खरीदने के लिए ही उन्होंने लूटपाट की और दोनों कैब चालकों की हत्या कर दी. ऐसी वारदातों को रोकने के लिए ड्रग्स तस्करी के खिलाफ पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना सख्त एक्शन ले रहे हैं.

नई दिल्लीः पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ड्रग्स तस्करी के खिलाफ बेहद सख्त रवैया रखते हैं. वे लगातार ड्रग्स तस्करी के खिलाफ एक्शन के लिए डीसीपी को निर्देश देते रहे हैं. लेकिन अब इससे आगे बढ़ते हुए उन्होंने ड्रग्स तस्करी में फाइनेंस एंगल की जांच करने के (Investigation of finance angle in drug smuggling in Delhi) निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं ड्रग्स तस्करी के बड़े मामलों में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को भी सूचित करने के लिए कहा है जिससे फंडिंग की जांच हो सके.

उन्होंने सभी जिला डीसीपी को निर्देश दिए हैं कि वह ड्रग्स तस्करी (Drugs smuggling in Delhi) के मामले में फाइनेंस एंगल पर भी जांच करें. यह पता लगाएं कि तस्करी के नेटवर्क में रुपये कहां से आ रहे हैं. इस नेटवर्क को आर्थिक चोट पहुंचेगी तो इसमें कमी आएगी. बड़े मामलों में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से भी मदद लेने को कहा है. दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त डीसीपी एलएन राव ने बताया कि पुलिस कमिश्नर का यह एक्शन प्लान बेहद ही कारगर है. ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए इसके फाइनेंस मॉड्यूल पर प्रहार करना बेहद आवश्यक है.

ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने की तैयारी

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रिटायर डीसीपी एलएन राव ने बताया कि आने वाले समय में जब तस्करों पर आर्थिक मोर्चे के ऊपर एक्शन होगा तो निश्चित तौर पर ही इसमें कमी देखने को मिलेगी. एनडीपीएस एक्ट की धारा 68 में इसका प्रावधान है. अगर ड्रग्स तस्करी के जरिये किसी ने अवैध संपत्ति बनाई है तो पुलिस उसे केस में अटैच कर सकती है. इस मामले में अगर अदालत आरोपी को सजा देती है तो उसकी यह संपति सरकार के पास चली जाती है. ऐसा होने से तस्करों के बीच डर होगा और तस्करी के मामलों में कमी आएगी.

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उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट में पहले से ही सख्त प्रावधान है. इसमें कम से कम दस साल की सजा का प्रावधान है. लेकिन अगर आर्थिक रूप से ड्रग्स तस्करों पर लगाम लगेगी तो अन्य अपराध जैसे, लूट, झपटमारी, हत्या एवं हत्या प्रयास की वारदातों में भी कमी देखने को मिलेगी. क्योंकि ऐसी कई वारदातो को नशे की पूर्ति के लिए ही अंजाम दिया जाता है. इसके अलावा अगर बड़े तस्करों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय जांच करेगी तो इससे तस्करों द्वारा बनाई गई अवैध संपत्ति का नेटवर्क पता चलेगा और उन पर दोनों तरफ से शिकंजा कसेगा. इसलिए अगर पुलिस कमिश्नर के इस प्लान के तहत काम किया गया तो निश्चित रूप से अपराध पर लगाम लगाने में पुलिस कामयाब होगी.

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