नई दिल्ली : दक्षिण दिल्ली नगर निगम के आखिरी साल के कार्यकाल में बजट सत्र से पहले होने वाला स्टैंडिंग कमेटी सत्र का आयोजन हुआ. इस सत्र में जनता से जुड़े कई जरूरी और अहम विषयों के ऊपर बहस और चर्चाओं का दौर चला. साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए.
इस स्टैंडिंग कमेटी सत्र में अनधिकृत कॉलोनियों में साल 2023 तक होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, टी स्टाल, वेटरनरी से जुड़े हुए व्यापार को लाइसेंस देने के मद्देनजर प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों को पीएम उदय योजना के तहत 2023 तक मान्यता दे दी गई है. इसके बाद अब निगम के द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के क्षेत्र में व्यापार करने वाले लोगों को छोटे-मोटे व्यापार के लिए लाइसेंस मिल सकेगा. साथ ही सत्र में नोएडा टोल कलेक्शन करने वाली एजेंसी के ऊपर निगम ने अपनी जांच कमेटी बिठाई है, जो एजेंसी के प्रक्रिया की जांच करेगी और पता लगाएगी कि निगम को कितना वित्तीय नुकसान हुआ है.
सत्र में स्थाई समिति के सदस्य और कांग्रेस पार्षद द्वारा डेंगू का मुद्दा भी उठाया गया, जिसपर जवाब देते हुए स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि निगम अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति तरीके से निभा रही है, लेकिन इस बार मौसम के बदले हालातों के चलते जायद मामले सामबे आये है, जिस पर काबू पाने का निगम प्रयास कर रही है. अगले हफ्ते से निगम की रिपोर्ट में डेंगू के मामलों में कमी भी देखने को मिलेगी.
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स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में बीजेपी के पार्षदों द्वारा निगम की वित्तीय स्थिति को लेकर भी मुद्दा उठाया गया. बीजेपी के पार्षद द्वारा नंगली डेरी और ककरोला डेरी के क्षेत्र में गैर कानूनी ढंग से निगम की जमीन पर की गई कंस्ट्रक्शन का मामला भी उठाया, जिसके जवाब में बताया गया कि अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही आने वाले दिनों में निगम द्वारा कंस्ट्रक्शन को डिमोलिश करने की बात भी कही गई.
एसडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी बैठक के अंदर डार्क स्पॉट को लेकर और स्ट्रीट लाइट ना मिलने को लेकर आप पार्षद द्वारा मुद्दा उठाया गया, जिसके ऊपर जमकर बहस देखने को मिली और अधिकारियों के द्वारा जवाब तलब भी किया गया है. बता दें कि निगम को अनधिकृत कॉलोनियों के क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगाने का अधिकार नहीं है. ऐसे में अब इस पूरे मामले को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद उसके ऊपर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.
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