नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में सावन की शिवरात्रि के त्योहार को बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. आज के दिन हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव शंकर की पूजा-पाठ और पंचामृत से अभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन पूजा-अर्चना करने वाले और व्रत रखने वाले लोगों की सभी परेशानियां और समस्याएं पूरी तरह दूर हो जाती हैं. इसी के मद्देनजर दिल्ली के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर, झंडेवालान मंदिर, गाजियाबाद का सुप्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ मंदिर के बाहर भगवान शिव के जलाभिषेक और दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लगी हैं. आज ही के दिन कांवड़ियों के द्वारा विशेष तौर पर हरिद्वार से भर कर लाए गए जल से भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा. दूधेश्वर नाथ मंदिर में अगले तीन दिनों में लगभग 13 लाख कांवड़िए भगवान शिव का जल से अभिषेक करेंगे.
दिल्ली के बुध विहार में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. पिछले दो सालों में कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा नहीं निकाली गई थी. इस साल पहली बार कांवड़ यात्रा निकाली गई. कांवड़ यात्री भगवान शिव के प्रति भक्ति-भाव के साथ कोसों दूर पैदल चलकर हरिद्वार जाकर जल लेकर आते है और तेरस के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अपनी यात्रा का समापन करते है. ऐसे मे इस बार मंगलवार को तेरस के दिन सभी कांवड़ियों ने जल चढ़ाकर अपनी यात्रा का समापन किया. आज दिल्ली के तमाम मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहा और सभी भक्तों में जोश एवं उत्साह देखने को मिला.
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वहीं, वसंत कुंज स्थित शिव मन्दिर में भक्त सुबह से ही पूरे विधि-विधान के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं. मन्दिर के पुजारी का कहना है कि वैसे तो पूरा सावन मास भगवान भोलेनाथ का होता है, लेकिन इस मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इसलिए सभी भक्त दो मिनट का समय निकालकर मंदिरों मे जाकर भगवान भोलेनाथ पर जल जरूर चढ़ाएं. वहीं, कांवड़िए भी बड़ी संख्या में मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं.