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राऊज एवेन्यू कोर्ट: प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि केस को लेकर सुनवाई आज

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Published : Jan 14, 2021, 10:33 AM IST

राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सुनवाई करेगा. एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.

HEARING ON MJ AKBAR DEFAMATION PETITION AGAINST PRIYA RAMANI
एमजे अकबर की याचिका पर सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से कहा गया था कि जब यौन प्रताड़ना से जुड़ा कानून नहीं था, उस समय भी विशाखा दिशानिर्देश जैसे निवारक कानून थे. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय सुनवाई करेंगे.


एमजे अकबर पर आरोप लगाने देने से प्रिया रमानी निर्दोष नहीं हो सकती

पिछले 12 जनवरी को एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि प्रिया रमानी ने जिस समय के यौन प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं उस समय भी भारतीय दंड संहिता और राष्ट्रीय महिला आयोग था. लूथरा ने एमजे अकबर की ओर से पेश गवाहों के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा था कि प्रिया रमानी को अपने को निर्दोष साबित करना है न कि एमजे अकबर को. एमजे अकबर पर आरोप लगा देने से प्रिया रमानी निर्दोष नहीं हो सकती हैं. उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी की ओर से वोग मैगजीन में लिखे आलेख केवल आरोप थे. उन्हें प्रमाणित नहीं किया गया.


एमजे अकबर को टारगेट किया गया
लूथरा ने कहा था कि प्रिया रमानी ने एमजे अकबर को टारगेट किया. एमजे अकबर ने कभी भी प्रिया रमानी को टारगेट नहीं किया था. प्रिया रमानी या किसी दूसरे व्यक्ति ने एमजे अकबर के खिलाफ शिकायत नहीं की है. उन्होंने रमानी पर एक के बाद एक झूठ बोलने का आरोप लगाया. लूथरा ने कहा था कि प्रिया रमानी का यह कहना ठीक नहीं है कि आरोप लगाने वाले दूसरे लोगों के खिलाफ क्यों नहीं केस किया गया. ये हमारा अधिकार है कि हम किसके खिलाफ केस करें.

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एक सेकेंड में छवि हो जाती है खराब
लूथरा ने कहा था कि रमानी के ट्वीट के आधार पर दूसरे आलेख लिखे गए. रमानी के झूठे और अपमानजनक बयानों को मीडिया में दोहराया गया. उन्होंने कहा था कि छवि बनाने में समय लगता है और उसे बर्बाद करने में एक सेकेंड लगता है. एमजे अकबर ने अपनी छवि 50 सालों में बनाई. इस दौरान किसी ने उंगली नहीं उठाई. अकबर के अधीन दस से बीस हजार कर्मचारी काम करते होंगे.

दुर्भावना से भरे थे प्रिया रमानी के ट्वीट

सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने रमानी के ट्वीट को पढ़ते हुए कहा कि वे अपमानजनक और दुर्भावना से भरे हुए थे. उन्होंने कहा कि रमानी ने कोर्ट के बाहर ट्रायल चलाने की कोशिश की. न्यायिक प्रक्रिया कोर्ट में ही चल सकती है, कोई खुद कानून नहीं बन सकता है.

लूथरा ने रमानी के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा कि एक ही झूठ को दस लोगों की ओर से कहे जाने का मतलब ये नहीं है कि वो सच बन जाएगा.


अक्टूबर 2018 में दायर किया था

15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की अपराधिक मानहानी की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूरिव केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा आपराधि मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार निजी मुचलते पर जमानत दी थी.

कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे,कोर्ट ने प्रिया रमानी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की स्थाई छूट दी थी.

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