नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने जिम, स्पा सेंटर और पार्क पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया है. वहीं, जिम मालिक दिल्ली सरकार के इस फैसले से नाखुश दिखाई दे रहे हैं. ट्रेनिंग देने वाले लोग और युवा वर्ग भी दिल्ली सरकार के इस फैसले से नाखुश है. साउथ दिल्ली के देवली में स्थित एक जिम ट्रेनर ने बताया कि अभी तो लॉकडाउन खत्म हुआ था. अब एक बार फिर से पाबंदी लगा दी है. जिम पूरी तरह से बंद रहेगी तो रोजी-रोटी कैसे चलेगी. अभी तो हम ठीक से उबर नहीं पाए हैं कि अब फिर से नया आदेश आ गया है.
जिम ट्रेनर अशरफ अली ने ईटीवी भारत को बताया कि हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि हमारे बीवी बच्चे हैं. हम किराए के मकान में रहते हैं. कोई बंगाल से ट्रेनिंग दे रहा है तो कोई बिहार से यहां पर नौकरी करने आ रहा है. ऐसे में जब सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है तो हमें दुख तो होगा. क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ही जिम खुली है. ऐसे में जब जिम में लोग नहीं आएंगे तो मालिक के पास पैसा कहां से आएगा. ऐसे में सवाल हमारी रोजी रोटी का है.
जिम करने आए एक युवक दानिश अंसारी ने बताया कि वह 45 साल के है. वह अभी भी फिट है. पिछले चार साल से वह जिम कर रहे हैं. जिम करने से इम्यूनिटी पावर बढ़ती है. लेकिन जिम में तो सिर्फ 20-25 लोग ही आते हैं. लेकिन जब नेताओं की रेलियों में लाखों की भीड़ जा सकती है तो फिर जिम करने से क्या दिक्कत. दिल्ली सरकार ने जो फैसला लिया है वह गलत फैसला है.
ये भी पढ़ें : लोटस टेंपल पर उमड़ी लोगों की भीड़, कोरोना दिशा निर्देशों का किया उल्लंघन
वहीं, जिम की जिम्मेदारी संभालने वाले गणेश झा बताते हैं कि वह बिहार से अपना सब कुछ बेच कर दिल्ली में काम-धंधा करने लिए आए थे. वह इस जमीन को पिछले कई सालों से संभाल रहे हैं. लेकिन जब से कोरोना आया है. तब से उबर नहीं पा रहे हैं. बार-बार कोरोना के चलते जिम बंद हो चुकी है. जब जिम बंद हो जाती है तो मालिक उनको पैसे क्यों देगा. ऐसे में उनकी रोजी-रोटी की दिक्कत का सामना करना पड़ता है. उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं. पढ़ाई लिखाई का भी खर्चा देना पड़ता है. जब जिम बंद हो जाएगी तो कोई आमदनी नहीं होगी.