नई दिल्ली: शुक्रवार को पटपड़गंज इलाके के ईस्ट विनोद नगर में गौतम गंभीर की पहल पर तीसरे जन रसोई का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर प्रदेश बीजेपी के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल, पूर्व मेयर बिपिन बिहारी सिंह, स्थानीय निगम पार्षद भावना मलिक सहित क्षेत्र के बीजेपी नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. इस जन रसोई की खास बात यह है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बंद पड़े ढलाव घर को खूबसूरत रेस्तरां में तब्दील कर शुरू किया गया है.
इस मौके पर ईटीवी से खास बातचीत में गौतम गंभीर ने कहा कि गांधीनगर और न्यू अशोक नगर के बाद पटपड़गंज इलाके के ईस्ट विनोद नगर में नया जन रसोई शुरू किया गया है. दोनों जन रसोई की तरह की इस जन रसोई में भी एक रुपए प्लेट में खाना मिलेगा. गौतम गंभीर ने कहा कि गांधी नगर और न्यू अशोक नगर जन रसोई से 1500 लोगों को खाना खिलाया जाता हैं. ईस्ट विनोद नगर में जन रसोई शुरू हो जाने से अब रोज़ाना 2000 लोगों को खाना मिल सकेगा.
सांसद गौतम गंभीर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली में कोई भूखा ना रहें. लोगों को सम्मान के साथ अच्छा खाना मिले. उन्होंने कहा कि गांधी नगर और न्यू अशोक नगर की जन रसोई अभी क्यों बंद हैं? तो गंभीर ने कहा कि बंद होने वजह कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी गाइडलाइन की वजह से दोनों जन रसोई बंद है. जिसे सोमवार 23 अगस्त से शुरू कर दिया जाएगा.
गौतम गंभीर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने 100 जन रसोई खोलने का वादा किया था. लेकिन अबतक एक भी जन रसोई शुरू नहीं हुई है. गौतम गंभीर ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि ज़्यादा से ज्यादा लोगों को भोजन मिल सके. गंभीर ने कहा कि मैंने हमेशा महसूस किया है कि हर किसी को जाति, पंथ, धर्म या वित्तीय स्थिति को अलग रखकर स्वस्थ और स्वच्छ भोजन का अधिकार है. बेघर और निराश्रित लोगों को एक दिन में दो वक़्त का भोजन भी नहीं मिल पाना दुखद है. यह ऐसी चीज है जिसका दिल्ली सरकार को ध्यान रखना चाहिए था. वह गरीबों के हितैषी होने के बारे में लंबे दावे करते हैं लेकिन वे इन बुनियादी मांग को भी पूरा नहीं कर पाए हैं.
विनोद नगर में खोले गए तीसरे जन रसोई 3500 वर्ग फुट क्षेत्र में बनाई गई है. कैंटीन में 100 लोग एक साथ भोजन करने की व्यवस्था हैं. भोजन प्रवेश द्वार पर दिए गए कूपन के माध्यम से दिया जाएगा. कोविड-19 को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जाएगी और बाकी सभी उपाय भी किए जाएंगे. कोरोना के मद्देनजर फिलहाल एक वक्त में 50 से अधिक लोगों को एक साथ खाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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अन्य सरकारों द्वारा अन्य राज्यों में सरकार की तरफ से संचालित विभिन्न कैंटीन है, जो जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराती है, लेकिन दिल्ली में कभी ऐसी कोई पहल नहीं हुई जहां एक रुपये में पूर्ण भोजन उपलब्ध कराई जाए, वह भी बिना किसी सरकारी मदद के इस पायलट प्रोजेक्ट के लॉन्च और इसके विश्लेषण के बाद गंभीर का अपने निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह की और कैंटीन स्थापित करने का इरादा है.
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