नई दिल्लीः दिल्ली में जल बाेर्ड मुफ्त पानी दे रहा है जबकि डीडीए लाखाें का बिल भेज रही है. मामला वसंत कुंज के चार पॉकेट गंगा, यमुना, नर्मदा और कावेरी से जुड़ा है. दरअसल इन पॉकेट में पानी सप्लाई का काम अभी भी डीडीए द्वारा ही किया जा रहा है.एक तरफ दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों को मुफ्त पानी का दावा करती है वहीं दूसरी तरफ इन चार पॉकेट के लोग पानी के नाम पर हजारों रुपए भरना पड़ रहा है.
ऐसे हजारों के बिल 28 सौ से ज्यादा फ्लैटों में आए हैं. फेडरेशन के लोगों का कहना है, कि दिल्ली जल बोर्ड में उन्होंने अपने इलाके में पानी को लेकर भुगतान के बारे में पता किया. जल बोर्ड ने इन्हें लिखित में जवाब दिया कि वसंत कुंज के चार पॉकेट में पानी के नाम पर शून्य रुपया बकाया है. ऐसे में डीडीए इनसे एक फ्लैट के हजारों रुपए कैसे वसूल रही है. डीडीए द्वारा यह जो बिल भेजा गया है वह दाे साल से चार साल पुराना है. यानी डीडीए द्वारा यह बिल हर महीने नहीं भेजा जाता.
![पानी का बिल.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15129632_777_15129632_1651053799095.png)
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स्थानीय आरडब्ल्यूए का आरोप है कि डीडीए में कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से एक तरह का स्कैम चलाया जा रहा है. यह पैसा किस के खाते में जा रहा है यह किसी को पता नहीं है. चार पॉकेट में जो पानी के बिल आए हैं वह कई करोड़ में होंगे. आरडब्ल्यूए ने बताया कि कॉमनवेल्थ के टाइम में बनाए गए यह फ्लैट दो कमरे के हैं. छोटी फैमिली ही यहां पर रहती है. यानी खाना-पीना और नहाना इससे ज्यादा पानी का खर्चा बिल्कुल भी नहीं है.
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ऐसे में एक पॉकेट से करोड़ों रुपए पानी के नाम पर डीडीए कैसे ले सकता है यह सवाल जरूर बनता है.वे इस बिल के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं. आरडब्ल्यूए का कहना है कि अगर जो इसकी जांच नहीं होगी तो वे लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
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